• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • चीन के ‘कृत्रिम सूर्य’ का रिकॉर्ड! 1 हजार सेकंड तक रहा गर्म, तापमान पहुंचा 10 करोड़ डिग्री

चीन के ‘कृत्रिम सूर्य’ का रिकॉर्ड! 1 हजार सेकंड तक रहा गर्म, तापमान पहुंचा 10 करोड़ डिग्री

यह मशीन, परमाणु संलयन की ताकत का इस्‍तेमाल करने की कोशिश करती है। इसे कृत्रिम सूर्य इसलिए कहा जाता है।

चीन के ‘कृत्रिम सूर्य’ का रिकॉर्ड! 1 हजार सेकंड तक रहा गर्म, तापमान पहुंचा 10 करोड़ डिग्री

Photo Credit: Xinhua

चीन पिछले कुछ साल से एक ‘कृत्रिम सूर्य’ के साथ प्रयोग कर रहा है।

ख़ास बातें
  • चीन कर रहा कृत्रिम सूर्य के साथ प्रयोग
  • क्‍लीन एनर्जी हासिल करना है मकसद
  • इस बार 1 हजार सेकंड तक गर्म रहा कृत्रिम सूर्य
विज्ञापन
चीन पिछले कुछ साल से एक ‘कृत्रिम सूर्य' के साथ प्रयोग कर रहा है। इसका मकसद भविष्‍य में क्‍लीन एनर्जी हासिल करना है। रिपोर्टों के अनुसार, चीन के बनाए एक्सपेरीमेंटल एडवांस्ड सुपरकंडक्टिंग टोकामाक (EAST) फ्यूजन एनर्जी रिएक्टर ने 1 हजार सेकंड तक अपने प्लाज्‍मा को बनाए रखा और उसका तापमान 10 करोड़ डिग्री पर पहुंच गया। इसी को चीन का ‘कृत्रिम सूर्य' कहा जाता है। साल 2023 में इस एनर्जी रिएक्‍टर ने 403 सेकंड तक अपना प्‍लाज्‍मा बनाए रखा था। यानी पिछला रिकॉर्ड अब टूट गया है। 

यह मशीन, परमाणु संलयन की ताकत का इस्‍तेमाल करने की कोशिश करती है। इसे कृत्रिम सूर्य इसलिए कहा जाता है, क्‍योंकि मशीन का सेटअप सूर्य के अंदर असलियत में होने वाले परमाणु रिएक्‍शंस की नकल करता है। इसमें हाइड्रोजन और ड्यूटेरियम (deuterium) जैसी गैसों को ईंधन के रूप में इस्‍तेमाल किया जाता है। ये प्रयोग वैज्ञानिकों को ‘असीमित क्‍लीन एनर्जी' के करीब ला सकता है। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि EAST के जरिए मिलने वाली ऊर्जा को भविष्‍य में कमर्शल यूज में लाने की उम्‍मीद है। हालांकि इस प्रयोग को अभी और ऊंचाइयां प्राप्‍त करनी हैं। ऐसे पॉइंट तक पहुंचना है, ज‍िसमें परमाणु संलयन अपनी ऊर्जा लंबे वक्‍त तक बनाए रखता है। 

चीनी वैज्ञानिक साल 2006 से यह प्रयोग कर रहे हैं। रिएक्‍टर ने अबतक सैकड़ों टेस्‍ट किए हैं। इसके साथ ही चीन ने नई जेनरेशन की फ्यूजन रिसर्च फैसिलिटी का निर्माण शुरू कर दिया है। वैज्ञानिक, परमाणु संलयन को ऊर्जा का क्‍लीन सोर्स मानते हैं। इसी से हमारे सूर्य को भी ऊर्जा मिलती है। इससे उलट, न्‍यूक्‍लियर पावर प्‍लांट्स में परमाणु नाभिकों को मिलाकर ऊर्जा बनाई जाती है। 

चीनी वैज्ञानिक जिस ऊर्जा पर काम कर रहे हैं वह कोई ग्रीन हाउस गैस पैदा नहीं करती। उससे किसी तरह का खतरा नहीं है। ऐसी ऊर्जा अगर इंसानी इस्‍तेमाल में काम आ सके, तो दुनिया के तमाम देशों को फायदा हो सकता है। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Lava Agni 3 5G: मात्र Rs. 16 में दो डिस्प्ले वाला 5G फोन, स्मार्टवॉच भी! LAVA की जबरदस्त सेल, जानें ऑफर
  2. सूर्य ग्रहण 2025: आज इतने बजे लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, जानें कहां, कैसे देख सकते हैं ग्रहण का नजारा
  3. भारत में गूगल को राहत, NCLAT ने जुर्माना 936 करोड़ रुपये से घटाकर 220 करोड़ रुपये किया
  4. Instagram ने जोड़ा TikTok जैसा फीचर, अब Reels को कर सकेंगे फास्ट-फॉरवर्ड
  5. OnePlus 13T के डिजाइन का खुलासा, OnePlus प्रेसिडेंट का सुझाव जल्द पेश होगा कॉम्पैक्ट फोन
  6. OTT Release This Week: हॉरर, कॉमेडी, ड्रामा से भरपूर Sabdham, Om Kali Jai Kali, Viduthalai Part 2 जैसी फिल्में इस हफ्ते OTT पर!
  7. कल लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण, भारत में मोबाइल, लैपटॉप या TV में ऐसे देखें ऑनलाइन
  8. WhatsApp लाया iOS यूजर्स के लिए बड़े काम का फीचर, मैसेज और कॉलिंग होगी आसान, जानें कैसे
  9. Redmi A5 स्मार्टफोन 5200mAh बैटरी, 32MP कैमरा के साथ हुआ लॉन्च, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  10. PUBG Mobile की पैरेंट कंपनी Krafton ने भारतीय गेमिंग स्टूडियो Nautilus Mobile में खरीदी बड़ी हिस्सेदारी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »