• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • चीन तैयार कर रहा रडार सिस्‍टम, अंतरिक्ष में घूमते एस्‍टरॉयड्स से खतरे का लगाएगा पता

चीन तैयार कर रहा रडार सिस्‍टम, अंतरिक्ष में घूमते एस्‍टरॉयड्स से खतरे का लगाएगा पता

इसके बारे में सबसे पहले डिटेल चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ऑफ‍िशियल न्‍यूज पेपर- साइंस एंड टेक्‍नॉलजी डेली में पब्लिश हुई थी।

चीन तैयार कर रहा रडार सिस्‍टम, अंतरिक्ष में घूमते एस्‍टरॉयड्स से खतरे का लगाएगा पता

प्रोजेक्‍ट का नाम चाइना फुयान अंग्रेजी में- कंपाउंड आई है, जिसे बीजिंग इंस्टि‍ट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी लीड कर रहा है।

ख़ास बातें
  • इस मेथड को सितंंबर में टेस्‍ट किया जाना है
  • यह सफल रहा, तो एंटीना को शुुरू कर दिया जाएगा
  • कई और तकनीकों पर भी काम कर रहा है चीन
विज्ञापन
एस्‍टरॉयड्स (asteroids) का पता लगाने और उन्हें ट्रैक करने के लिए चीनी रिसर्चर्स एक नई मेथड पर काम कर रहे हैं। इससे यह जानने में मदद मिलेगी कि स्‍पेस रॉक का कोई विशाल टुकड़ा पृथ्वी के लिए खतरा तो नहीं है। इस मेथड के तहत 20 से ज्‍यादा बड़े एंटीना को मिलाकर एक सारणी (array) बनाई जा रही है, ताकि एस्‍टरॉयड्स से सिग्‍नलों को बाउंस किया जा सके और निर्धारित किया जा सके कि वे हमारे ग्रह को प्रभावित कर सकते हैं या नहीं। इस प्रोजेक्‍ट में कुछ चीनी विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके बारे में सबसे पहले डिटेल चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के ऑफ‍िशियल न्‍यूज पेपर- साइंस एंड टेक्‍नॉलजी डेली में पब्लिश हुई थी। 

चीन के मंत्रालय के अनुसार, इस प्रोजेक्‍ट का नाम चाइना फुयान अंग्रेजी में- कंपाउंड आई है और इस प्रोजेक्‍ट को बीजिंग इंस्टि‍ट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी लीड कर रहा है। सिग्नल बाउंसिंग के लिए चुने गए एस्‍टरॉयड पृथ्वी से 93 मिलियन मील (150 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर मौजूद रहेंगे। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, प्रोजेक्‍ट के तहत दो एंटीना दक्षिणी चीन के चोंगकिंग में एक साइट पर बनाए गए हैं। सितंबर में इन्‍हें टेस्‍ट किया जाएगा। टेस्टिंग सफल रहती है, तो उसके बाद इन्‍हें शुरू कर दिया जाएगा। एंटीना का व्‍यास 82 से 98 फीट होगा। 

बीजिंग इंस्टि‍ट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलजी के प्रेसिडेंट लॉन्ग टेंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि यह प्रोजेक्‍ट देश की उन जरूरतों को पूरा करेगा, जिनमें पृथ्‍वी के नजदीकी इलाके की सुरक्षा और एस्‍टरॉयड के निर्माण से जुड़े शोध शामिल हैं। रिसर्चर ने कहा कि यह सिस्‍टम को पृथ्वी की कक्षा में उपग्रहों और मलबे को ट्रैक करने के लिए भी लागू किया जा सकता है। 

इसके अलावा, अप्रैल में ग्‍लोबल टाइम्‍स ने बताया था कि देश की अंतरिक्ष एजेंसी एक नया मॉनिटरिंग और डिफेंस सिस्‍टम विकसित कर रही है। इसकी टेस्टिंग जानबूझकर एक अंतरिक्ष यान को एस्‍टरॉयड के साथ दुर्घटनाग्रस्त करके की जाएगी। रिपोर्टों में आगे कहा गया है कि नया मिशन 2025 की शुरुआत में एक खतरनाक एस्‍टरॉयड की कक्षा बदलने और उस पर अटैक करने के लिए लॉन्‍च किया जाएगा।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: China, Science News, Radar systems, asteroids, Earth, antenna, China Fuyan
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. क्रिप्टो मार्केट में तेजी, बिटकॉइन का प्राइस 1,05,300 डॉलर से ज्यादा
  2. Meta के पहले AR हेडसेट होंगे 2027 तक पेश, जानें सबकुछ
  3. क्रिप्टोकरेंसीज के लिए ट्रंप का बड़ा फैसला, अमेरिका में बनेंगे रेगुलेशंस
  4. Samsung Galaxy S25 सीरीज की लाइव फोटो हुई लीक, लॉन्च से पहले ही जानें कैसा है डिजाइन
  5. पृथ्‍वी का ‘चुंबकीय उत्तरी ध्रुव’ खिसक रहा, कनाडा से पहुंच गया रूस! जानें पूरा मामला
  6. ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइल्स की इंडोनेशिया को बिक्री कर सकता है भारत
  7. 3.99 लाख रुपये में लॉन्‍च हुई इलेक्ट्रिक कार Vavye Eva, जानें सभी फीचर्स
  8. वैलिडिटी खत्‍म होते ही रिचार्ज कराने की टेंशन खत्‍म, ट्राई ने दिया 90 दिनों का मौका! जानें
  9. Samsung Galaxy S25 सीरीज लॉन्च से पहले 34 हजार रुपये सस्ता मिल रहा Samsung Galaxy S24 5G
  10. Blinkit से 10 मिनट में होगी iPhone और कई स्मार्टफोन्स की डिलीवरी
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »