NASA की जेट प्रोपल्शन लैब (JPL) ने कथित तौर पर 2004 MN4 (वर्तमान में Apophis) नाम के एक एस्ट्रॉयड के पृथ्वी से 2029 में टकराने की संभावना जताई थी, जिसके बाद अब अमेरिकी स्पेस एजेंसी इस एस्ट्रॉयड पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने की तैयारी कर रही है। 2004 में, इस एस्ट्रॉडय को सबसे पहले एस्ट्रोनोमर फैब्रिज़िओ बर्नार्ड (Fabrizio Bernard) ने अपने दो साथियों के साथ देखा था। इसके बाद से इस एस्ट्रॉयड के ऊपर कई तरह के विश्लेषण हुए। एपोफिस की कक्षा को जांचने के पता चला कि इसके अगली शताब्दी तक पृथ्वी से टकराने की संभावना नहीं है, लेकिन फिर भी 2029 में यह हमारे ग्रह के बेहद करीब पहुंच जाएगा, और उस समय इसकी दूरी सिर्फ 32,000 किलोमीटर होगी।
Scientific American की
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि NASA वैज्ञानिकों ने उत्सुकता से 2029 में इसके आसपास से गुज़रने के समय पर इस एस्ट्रॉयड पर अपना स्पेसक्राफ्ट भेजने का प्रस्ताव दिया है। NASA इसके लिए पहले से अंतरिक्ष में अपनी यात्रा कर रहा OSIRIS-REx यान तय किया गया है। बता दें, यह यान शुरू में 2016 में Bennu नाम के एक अन्य एस्ट्रॉयड से सैंपल एकत्र करने के मिशन पर लॉन्च किया गया था। यह यान वर्तमान में उस एस्ट्रॉडय से सैंपल लेकर पृथ्वी वापस आ रहा है, और सितंबर 2023 में पहुंचेगा।
रिपोर्ट कहती है कि NASA को इस यान को अंतरिक्ष में अपनी उड़ान जारी रखने के लिए और Apophis से सैंपल कलेक्ट कर वापस लाने के लिए 200 मिलियन डॉलर का बजट बढ़ाना होगा, जिसके लिए एजेंसी मंजूरी ले रही है। आने वाले एस्ट्रॉयड के साथ मिलने पर इसका नाम OSIRIS-APEX हो जाएगा। यह यान एपोफिस पर कुछ महीनों तक रहेगा। इस दौरान यह देखा जाएगा कि पृथ्वी के इतने करीब से गुजरने पर ग्रैविटी का एस्ट्रॉयड पर क्या असर पड़ता है। एरिज़ोना विश्वविद्यालय के माइक नोलन (Mike Nolan), जो OSIRIS-REx की साइंस टीम के हेड हैं, का कहना है कि "दोनों के बीच के टाइडल फोर्स से कुछ भूस्खलन भी हो सकते हैं, जिससे कुछ ताज़े मैटीरियल का खुलासा हो सकता है।"
यह भी बताया गया है कि इस एस्ट्रॉयड के ऑर्बिटल मोशन पर भी स्टडी की जाएगी और देखा जाएगा कि यह भविष्य में किस ओर जाएगा, जिससे आने वाले समय में यह पता लगाया जा सके कि यह फिर से पृथ्वी के लिए खतरा साबित हो या नहीं। टीम का कहना है कि फिलहाल वे केवल वर्ष 2116 तक का अंदाज़ा लगा सकते हैं।