NASA ने दिखाई कॉस्मिक नेकलेस की हैरतअंगेज इमेज, 15,000 लाइट ईयर्स की है दूरी

इस इमेज को पोस्ट करने के बाद से इसे लाखों लाइक्स मिले हैं। बहुत से इंस्टाग्राम यूजर्स ने इसे लेकर हैरानी जताई है

NASA ने दिखाई कॉस्मिक नेकलेस की हैरतअंगेज इमेज, 15,000 लाइट ईयर्स की है दूरी

इस इमेज को पोस्ट करने के बाद से इसे लाखों लाइक्स मिले हैं

ख़ास बातें
  • यह सूर्य जैसे तारों से बना है
  • इसकी धरती से दूरी लगभग 15,000 लाइट ईयर्स की है
  • बहुत से इंस्टाग्राम यूजर्स ने इसे लेकर हैरानी जताई है
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अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की ओर से लगातार अंतरिक्ष की हैरान करने वाली इमेजेज शेयर की जाती हैं। इसी कड़ी में NASA ने "नेकलेस नेबुला" की एक शानदार इमेज शेयर की है। यह सूर्य जैसे तारों से बना है। इसकी धरती से दूरी लगभग 15,000 लाइट ईयर्स की है। इ्से  PN G054.203.4 भी कहा जाता है। 

NASA ने अपने Instagram हैंडल पर शेयर की गई इस इमेज के कैप्शन में लिखा है, "नेबुला की स्टारडस्ट से बुनाः एक कॉस्मिक नेकल्स।" इसके बारे में NASA ने बताया है कि लगभग 10,000 वर्ष पहले एक तारा इतना बड़ा हो गया था कि वह अपने साथ के तारे में समा गया था। इन तारों के पेयर के एक साथ घूमने से नेबुला बना है जिससे गैस की तेज रोशनी बनती है जो एक नेकलेस में डायमंड्स की तरह लगती है। इस इमेज को पोस्ट करने के बाद से इसे लाखों लाइक्स मिले हैं। बहुत से इंस्टाग्राम यूजर्स ने इसे लेकर हैरानी जताई है। 

हाल ही में NASA के Perseverance रोवर और चीन के Zhurong रोवर को मंगल ग्रह पर नदियों और भीगे हुए रेत के टीलों के संकेत मिले थे। चीन के रोवर को ठंड की वजह से इन टीलों के लगभग चार लाख वर्ष पहले एक साथ जुड़ने का प्रमाण मिला है। Perseverance रोवर ने एक तेजी से बहने वाली पानी की धारा के Jezero क्रेटर में अपना रास्ता बनाने के संकेत मिले हैं। Science Advances में प्रकाशित निष्कर्षों में बताया गया था कि Perseverance ने मंगल पर अभी तक की सबसे बड़ी नदी की खोज की है। यह कुछ स्थानों पर 66 फीट से अधिक गहरी थी। अमेरिका में Utah की Brigham Young University में रिसर्चर, Jani Radebaugh ने कहा कि इन निष्कर्षों से अन्य ग्रहों की सतहों को लेकर भी महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की संभावना का पता चल रहा है। 

Zhurong रोवर लगभग दो वर्ष पहले मंगल ग्रह पर उतरा था। इसने मंगल की सतह पर पानी के निशान खोजे हैं। इस रोवर के निकट रेत के टीलों के संकेत भी मिले हैं। मंगल ग्रह पर मौजूद धूल में खनिजों की बड़ी मात्रा है और ये खनिज हवा से पानी के कणों को खींच सकते हैं। अगर इस तरह का मैटीरियल रेल के टीलों को ढकता है सीजन के साथ आद्रता में होने वाले बदलाव से धूल पानी के कणों को खींच सकती है और इसके दोबारा लिक्विड बने बिना इसे छोड़ सकती है। 

 
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आकाश आनंद

Gadgets 360 में आकाश आनंद डिप्टी न्यूज एडिटर हैं। उनके पास प्रमुख ...और भी

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