NASA का मंगल मिशन जारी है और अंतरिक्ष एजेंसी लगातार मंगल पर जीवन के सबूत तलाशने में जुटी है। पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन की खोज मानव आकांक्षाओं में वर्तमान में सर्वोपरि है। इसी अभियान के तहत नासा आए दिन मंगल की सतह पर पाई जाने वाली चट्टानों या अन्य वस्तुओं के बारे में अपडेट देती रहती है। अब स्पेस एजेंसी ने एक बड़े क्रेटर की फोटो शेयर की है जिसमें कई परतें दिखाई दे रही हैं।
नासा ने मंगल के एक बड़े क्रेटर की फोटो जारी की है। इसे प्रोमिथी टेरा क्रेटर नाम दिया गया है। इसमें परतीय स्ट्रक्चर पाया गया है। प्रोमिथी टेरा क्रेटर मंगल ग्रह के दक्षिणी गोलार्ध में एक बड़ा इमपेक्ट क्रेटर है जिसमें द्वीपरतीय मेसा जैसी आकृति की बनावट वाली भूमि है। इसे नासा के हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग साइंस एक्सपेरिमेंट (HiRISE) द्वारा कैप्चर किया गया है।
हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग साइंस एक्सपेरिमेंट (HiRISE) एक ऐसा कैमरा है जो बेहद बारीकी से हाई रिजॉल्यूशन में तस्वीरें खींच सकता है। यह नासा के मार्स रेजोनेंस ऑर्बिटर (MRO) स्पेसक्राफ्ट पर लगा है। MRO स्पेसक्राफ्ट नासा के
मंगल मिशन अभियान का हिस्सा है जो मंगल की परिक्रमा 2006 से कर रहा है। प्रोमिथी टेरा क्रेटर वैज्ञानिकों की रुचि का विषय लम्बे समय से रहा है। इस क्रेटर की मदद से एजेंसी को मंगल के भूविज्ञान और जलवायु को समझने में मदद मिलेगी। साथ ही इससे पता लगा पाने में मदद मिलेगी कि मंगल ग्रह कैसे बना होगा।
MRO पर लगा HiRise कैमरा
यूनिवर्सिटी ऑफ एरिज़ोना द्वारा कंट्रोल किया जाता है। ये पहली बार नहीं है जब इस कैमरे किसी क्रेटर का पता चला है। हाल ही में नासा ने एक और अद्भुत तस्वीर इसके जरिए शेयर की थी। मंगल की सतह की ये तस्वीर बेहद दिलचस्प थी जिसमें एक भालू का चेहरा बनता देखा गया। दरअसल नासा के मुताबिक, ये दो क्रेटर्स हैं जो पास होने के कारण आँखों जैसी आकृति बना रहे हैं। इनके चारों तरफ एक गोलाकार रेखाकृति बनी हुई दिखती है जिससे यह पूरा स्ट्रक्चर एक भालू के चेहरे का आकार ले लेता है। इसमें एक ज्वालामुखी के होने की संभावना भी बताई गई जो कि इस भालू की नाक की आकृति बनाता है।
HiRISE के बारे में कहा जाता है कि यह बेहद हाइ रिजॉल्यूशन फोटो खींच सकता है। इसकी मदद से नासा मंगल की सतह के बारे में काफी कुछ जानकारियां अभी तक जुटा चुकी है। यह कैमरा काफी पावरफुल बताया जाता है और इसने मंगल पर मौजूद घाटियों, ज्वालामुखियों आदि की तस्वीरें भी खींची हैं। इनकी मदद से मंगल के भूविज्ञान को समझने में बहुत सहायता मिलने की बात कही गई है। इसी की मदद से एजेंसी मंगल पर पानी या
मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत भी तलाशने की कोशिश कर रही है।