आपने धरती से सूर्यग्रहण तो कई बार देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी मंगल ग्रह से सूर्य ग्रहण देखने के बारे में सोचा है? नासा की बदौलत यह मुमकिन हो सका है। नासा ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें मंगल ग्रह के दो चंद्रमाओं में से एक, सूर्य पर अपनी छाया डाल रहा है। यह मंगल ग्रह की सतह से देखा गया है। इस रोचक वीडियो को अंतरिक्ष एजेंसी के पर्सेवरेंस रोवर ने कैमरे में कैद किया है। इस दौरान लाल ग्रह का एक छोटा, आलू के आकार का चंद्रमा फोबोस (Phobos) मंगल और सूर्य के बीच आ गया था। "तुम सच्चे हो इसीलिए बहुत अच्छे हो। तुमसे नजरें नहीं हटाई जा रहीं।” नासा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा है।
ये ऑब्जर्वेशन वैज्ञानिकों को चंद्रमा के ऑर्बिट में होने वाली हल्की शिफ्ट को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर रही हैं, जिससे पता चलता है कि कैसे इसकी ग्रेविटी मंगल ग्रह की दो ऊपर परतों क्रस्ट और मेंटल को आकार देती है। NASA के पर्सेवरेंस रोवर ने वीडियो कैप्चर करने के लिए 2 अप्रैल को अपने नेक्स्ट-जेनरेशन मास्टकैम-जेड कैमरे का इस्तेमाल किया।
वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक छोटी वस्तु मंगल और सूरज के बीच आ जाती है। फोबोस चंद्रमा धरती के चंद्रमा से 157 गुणा छोटा है। वैज्ञानिकों ने पाया है कि फोबोस का गुरुत्वाकर्षण मंगल पर छोटे टाइडल फोर्स पैदा करता है, जिसके कारण इसका ऑर्बिट बदल जाता है, और जिसके कारण यह मंगल की सतह के करीब आता जा रहा है। अंत में फोबोस लाखों वर्षों में मंगल की सतह से टकरा जाएगा।
रोवर को बनाने वाली Jet Propulsion Laboratory ने कहा है कि यह ग्रहण केवल 40 सेकंड तक चला जो धरती के चांद के माध्यम से होने वाले सूर्य ग्रहण से बहुत ज्यादा छोटा है।
इससे पहले भी जो खोज मिशन मंगल ग्रह पर भेजे गए उन्होंने मंगल के कई सूर्य ग्रहणों को कैप्चर किया था लेकिन पर्सेवरेंस रोवर ने फोबोस सूर्य ग्रहण का सबसे ज्यादा जूम किया गया वीडियो कैप्चर किया है और यह हाई फ्रेम रेट में रिकॉर्ड किया गया है।
पर्सेवरेंस ने फरवरी 2021 में मंगल पर लैंड किया था। इसका मुख्य मकसद पुराने माइक्रोबियल जीवन के संकेतों की तलाश करना है। यह मंगल की चट्टानों और धूल की स्टडी कर रहा है और उन्हें भविष्य में मानव मिशन के लिए इकट्ठा कर रहा है। यह इन नमूनों को आगे की एनालिसिस के लिए पृथ्वी पर वापस लाएगा।