हमारा ब्रह्मांड कई रहस्यों से घिरा है। इसके बारे में जानने के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक जुटे हैं। चंद्रमा से मंगल और बृहस्पति Jupiter तक रिसर्चर हमारे चारों ओर की दुनिया के बारे में और ज्यादा जानने के लिए कोशिशें कर रहे हैं। मौजूदा वक्त में सभी का फोकस चंद्रमा और मंगल पर है, लेकिन एक स्पेसक्राफ्ट बृहस्पति की परिक्रमा भी कर रहा है। जूनो Juno नाम के इस स्पेसक्राफ्ट का लक्ष्य सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह की उत्पत्ति और विकास को समझना है। जैसे हमारी पृथ्वी का एक चंद्रमा है। उसी तरह बृहस्पति का भी अपना चंद्रमा है। इस साल की शुरुआत में बृहस्पति के चंद्रमा ‘गैनीमेड' Ganymede के एक फ्लाईबाई flyby के बाद जूनो ने बृहस्पति और उसके चंद्रमा का निरीक्षण करते हुए वहां के साउंड को भी कैप्चर किया है।
इसके ‘सतह' की तस्वीरें अविश्वसनीय हैं, लेकिन अंतरिक्ष के प्रति उत्साही लोगों के लिए असल उत्सुकता गैनीमेड Ganymede का साउंड है। नासा
NASA की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) ने YouTube पर 50 सेकंड का ऑडियो ट्रैक जारी किया है।
इस साउंड को Juno के वेव्स इंस्ट्रूमेंट ने कैप्चर किया। वीडियो में 30 सेकंड के आसपास साउंड के पिच में अचानक तेजी आती है।
रिसर्चर्स ने समझाया है कि पिच में अचानक बदलाव गैनीमेड के मैग्नेटोस्फीयर के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्पेसक्राफ्ट के मूव की वजह से है।
Juno के एक इन्वेस्टिगेटर विलियम कुर्थ ने कहा कि साउंड की फ्रीक्वेंसी में अचानक परिवर्तन गैनीमेड के रात से दिन की ओर जाने के कारण हो सकता है।
चंद्रमा की तरह ही मंगल ग्रह पर भी वैज्ञानिकों की नजरें हैं। मंगल ग्रह पर भी बड़ी मात्रा में पानी मिला है। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की एक नई स्टडी के अनुसार, मंगल ग्रह Mars की वैलेस मेरिनेरिस Valles Marineris घाटी की सतह के नीचे पानी छुपा है।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर (TGO) ने इस घाटी में बड़ी मात्रा में पानी की खोज की है। अब मंगल ग्रह में मिट्टी के सबसे ऊपरी हिस्से में हाइड्रोजन कंसन्ट्रेशन की मॉनिटरिंग करके TGO का FREND (फाइन रेजॉलूशन एपिथर्मल न्यूट्रॉन डिटेक्टर) इन खोजों की जांच कर रहा है। हाइड्रोजन, पानी के कंसन्ट्रेशन का मेन इंडिकेटर होता है।