• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • चांद पर कहां गिरा रूस का Luna 25 स्‍पेसक्राफ्ट? Nasa ने खोजी जगह, हो गया 10 मीटर बड़ा गड्ढा, देखें

चांद पर कहां गिरा रूस का Luna-25 स्‍पेसक्राफ्ट? Nasa ने खोजी जगह, हो गया 10 मीटर बड़ा गड्ढा, देखें

Luna 25 Crash site : LRO ने पिछले साल जून में चांद के इस इलाके को कैप्‍चर किया था। मौजूदा गड्ढा उसके बाद हुआ है।

चांद पर कहां गिरा रूस का Luna-25 स्‍पेसक्राफ्ट? Nasa ने खोजी जगह, हो गया 10 मीटर बड़ा गड्ढा, देखें

Photo Credit: Nasa

नासा की टीम को लगता है कि चांद पर नया गड्ढा कोई प्राकृतिक घटना नहीं है।

ख़ास बातें
  • नासा ने लूना 25 स्‍पेसक्राफ्ट की क्रैश साइट को खोजा
  • जिस जगह स्‍पेसक्राफ्ट हुआ क्रैश, वहां हो गया गड्ढा
  • 10 मीटर व्‍यास का गड्ढा हो गया स्‍पेसक्राफ्ट के टकराने से
विज्ञापन
सब जानते हैं कि ISRO के चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन के बाद रूस की स्‍पेस एजेंसी रोस्‍कोस्‍मॉस ने भी चांद पर अपना मिशन लूना-25 (Luna-25) भेजा था। रूसी मिशन को कामयाबी नहीं मिली। 20 अगस्‍त को उसका लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट चांद की सतह से टकराकर बर्बाद हो गया। जिस जगह पर वह क्रैश हुआ हो सकता है, उसे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) ने खोज निकाला है। नासा के लूनर रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर (Nasa's Lunar Reconnaissance Orbiter (LRO) ने चांद पर एक नए गड्ढे की तस्‍वीर खींची है। माना जा रहा है कि यह गड्ढा लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट के टकराने से हुआ है। 

LRO ने पिछले साल जून में चांद के इस इलाके को कैप्‍चर किया था। मौजूदा गड्ढा उसके बाद हुआ है। LRO से जुड़ी नासा की टीम को लगता है कि चांद पर नया गड्ढा कोई प्राकृतिक घटना नहीं है, बल्कि यह लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट की वजह से हुआ होगा। 

रूसी स्‍पेस एजेंसी रोस्‍कोस्‍मॉस ने 21 अगस्‍त को लूना-25 मिशन के इम्‍पैक्‍ट पॉइंट पर जानकारी दी थी। यानी अनुमान लगाया गया था कि स्‍पेसक्राफ्ट कहां क्रैश हुआ हो सकता है। नासा ने उसी के आसपास की जगह को टटोला। 22 अगस्‍त से ही नासा का LRO काम पर जुट गया था। उसने 24 अगस्‍त तक कई सारी तस्‍वीरें लीं, जिनकी तुलना पूर्व में ली गई तस्‍वीरों से की गई। इस दौरान नासा को एक नए छोटे गड्ढे का पता चला। 

नासा के मुताबिक, चांद पर हुए गड्ढे का व्‍यास 10 मीटर है, जोकि चंद्रमा पर 57.865 डिग्री दक्षिण अक्षांश (south latitude) और 61.360 डिग्री पूर्वी देशांतर (east longitude) पर स्थित है। कहा जा रहा है कि रूस ने इस जगह से 400 किलोमीटर पर लूना-25 स्‍पेसक्राफ्ट को लैंड कराने की योजना बनाई थी। लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिल पाई। 

साल 1976 के बाद पहली बार रूस ने चांद पर मिशन भेजा था। लूना-25 से पहले भेजा गया लूना-24 मिशन सोवियत यूनियन का प्रोग्राम था। वहीं नासा का LRO साल 2009 से चंद्रमा को टटोल रहा है। नासा को उम्‍मीद है कि यह साल 2025 तक काम करता रहेगा। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Xiaomi टैबलेट मार्केट में हल-चल मचाने की तैयारी में, लॉन्च होने वाला है नया हाई-एंड टैबलेट!
  2. Apple के फोल्डेबल  iPhone में हो सकता है Samsung के पार्ट्स का इस्तेमाल
  3. WhatsApp चैट्स खोलो या ना खोलो, अपकमिंग AI फीचर बताएगा सबसे जरूरी बातें!
  4. NASA के Perseverance रोवर ने बनाया मंगल ग्रह पर सबसे लंबी ड्राइव का रिकॉर्ड
  5. Vodafone Idea का ये रिचार्ज करने पर फ्री मिलेगा JioHotstar
  6. MG का भूचाल! भारत आई M9 EV, 548 KM की रेंज और 90 मिनट में बैटरी फुल; जानें कीमत
  7. Lava के Blaze Dragon में होगा Snapdragon 4 Gen 2 चिपसेट, लीक हुआ प्राइस
  8. Oppo ने लॉन्च K13 Turbo सीरीज, 50 मेगापिक्सल की डुअल रियर कैमरा यूनिट, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  9. iPhone 16e पर आया अब तक का तगड़ा ऑफर, यहां से खरीदने पर होगी 10 हजार से ज्यादा बचत
  10. Vivo Y50 5G और Y50m 5G हुए लॉन्च, इनमें मिलेगी 12GB तक रैम और 6000mAh बैटरी; जानें कीमत
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »