Nasa के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर मिले कार्बन सिग्नेचर

वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्‍वी और मंगल दोनों ग्रह बहुत अलग हैं। पृथ्वी के उदाहरणों को मंगल पर जीवन से नहीं जोड़ना चाहिए।

Nasa के क्यूरियोसिटी रोवर को मंगल ग्रह पर मिले कार्बन सिग्नेचर

Photo Credit: Unsplash

नासा ने कहा है कि कार्बन सिग्‍नेचर, पराबैंगनी प्रकाश और कार्बन डाइऑक्साइड गैस के बीच इंटरैक्‍शन की वजह से हो सकता है।

ख़ास बातें
  • कई सैंपल्‍स में अच्‍छा खासा कार्बन मिला है
  • पृथ्वी पर कार्बन, जैविक प्रक्रियाओं से जुड़ा रहा है
  • यह मंगल ग्रह के पर्यावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है
विज्ञापन
मंगल ग्रह पर जीवन के संकेतों की तलाश में गए नासा (NASA) के क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity rover) ने नई उम्‍मीद दिखाई है। नासा ने कहा है कि गेल क्रेटर (Gale Crater) में क्यूरियोसिटी रोवर को कार्बन सिग्‍नेचर मिले हैं। हालांकि इसका यह मतलब नहीं है कि क्यूरियोसिटी को वहां माइक्रोबियल जीवन के सबूत मिल गए हैं। यह सिर्फ ऐसा होने की संभावना के बारे में बताता है। यह रोवर मंगल ग्रह की सतह पर पाउडर रॉक के सैंपल इकट्ठा कर रहा है। वैज्ञानिकों ने जब उनका विश्लेषण किया, तो उन्होंने पाया कि कई सैंपल्‍स में अच्‍छा खासा कार्बन था। पृथ्वी पर कार्बन, जैविक प्रक्रियाओं से जुड़ा रहा है। अब यह मंगल ग्रह के पर्यावरण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकता है।

हालांकि वैज्ञानिक अभी किसी जल्‍दबाजी में नहीं हैं और जो सबूत मिले हैं, उन्‍हें सुनिश्चित कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि पृथ्‍वी और मंगल दोनों ग्रह बहुत अलग हैं। पृथ्वी के उदाहरणों को मंगल पर जीवन से नहीं जोड़ना चाहिए। 

वैज्ञानिकों ने 18 जनवरी को प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज जर्नल में अपने निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं। वैज्ञानिकों ने ‘असामान्य कार्बन सिग्‍नल्‍स' का पता लगाने को लेकर कई स्पष्टीकरण दिए हैं। एक ब्लॉग पोस्ट में नासा ने कहा है कि कार्बन सिग्‍नेचर, पराबैंगनी प्रकाश और कार्बन डाइऑक्साइड गैस के बीच इंटरैक्‍शन की वजह से हो सकता है। एक अनुमान यह भी है कि लाखों साल पहले एक दुर्लभ घटना की वजह से वहां कार्बन पाया गया है। इस दुर्लभ घटना में हमारा सौर मंडल एक विशाल मॉलिक्‍यूलर बादल से होकर गुजरा था।

मिशन से जुड़े और केमिस्‍ट्री की लैब में काम कर चुके पॉल महाफी ने कहा कि हम मंगल ग्रह पर ऐसी चीजें ढूंढ रहे हैं जो दिलचस्प हैं। लेकिन हमें यह कहने के लिए और सबूत की आवश्यकता होगी कि हमने वहां जीवन की पहचान की है। यह पता लगाया जा रहा है कि जो कार्बन सिग्‍नेचर मिले हैं, उसका और क्या कारण हो सकता है।

इससे पहले नवंबर में नासा के मार्स रोवर ने मंगल ग्रह पर ऐसा कुछ देखा था, जिसे किसी ने कभी नहीं देखा था। मार्स रोवर ने मंगल ग्रह के जेजेरो क्रेटर रीजन में सतह को खरोंच दिया। इसके बाद चट्टान के नीचे से कुछ ऐसा मिला, जो निश्चित रूप से पहले कभी नहीं देखा गया था। यह इस बात पर भी रोशनी डाल सकता है कि मंगल पर पानी मौजूद है या नहीं और क्या यह ग्रह एक दिन इंसान के रहने लायक बन सकता है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  2. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  3. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  4. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  5. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  6. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  7. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
  8. Ursid Meteor Shower 2024: दिसंबर में इस दिन होगी उल्काओं की बारिश! ऐसे देखें अद्भुत नजारा
  9. JioTag Go vs JioTag Air: Rs 1,499 में कौन सा डिवाइस ट्रैकर है बेस्ट?
  10. मारूति सुजुकी जनवरी में पेश करेगी अपना पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल eVitara
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »