दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों ने चांद पर ‘टकटकी' लगा रखी है। अमेरिका से लेकर चीन और भारत से जापान तक चंद्रमा पर मिशन भेज रहे हैं। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) का मून मिशन चंद्रयान-3 (
Chandrayaan-3) रास्ते में है। अब रूस भी इस दौड़ में शामिल हो गया है। रूस अपने पहले मून मिशन (Moon Mission) को लॉन्च करने जा रहा है। इसी क्रम में उसने अपना एक गांव खाली कराने की तैयारी शुरू कर दी है। आखिर क्यों चांद पर मिशन भेजने जा रहा रूस खाली कर रहा है अपना गांव? आइए जानते हैं।
एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, करीब 50 साल में रूस ने अपने पहले मून मिशन को लॉन्च करने की तैयारियां फाइनल कर ली हैं। इसी क्रम में 11 अगस्त को रूस के सुदूर पूर्व में स्थित एक गांव शख्तिंस्की बस्ती को खाली कराया जाएगा। यह गांव उस इलाके में स्थित है, जहां रॉकेट के बूस्टर गिरने वाले हैं। लोगों के जान-माल की सुरक्षा को देखते हुए गांव को खाली कराया जा रहा है।
रूसी स्पेस एजेंसी रोस्कोस्मोस (Roscosmos) के अनुसार, 1976 के बाद से रूस अपना पहला मून लैंडर लूना-25 (Luna-25) लॉन्च करने जा रहा है। इसे राजधानी मॉस्को से लगभग 5550 किलोमीटर ईस्ट में स्थित वोस्तोचनी कोस्मोड्रोम (Vostochny Cosmodrome) से अंतरिक्ष के लिए रवाना किया जाएगा।
Luna-25 लैंडर को रूस अपने जानेमाने और परखे हुए सोयुज-2 रॉकेट की मदद से लॉन्च करेगा। दावा है कि यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला लैंडर होगा। रूस के मून मिशन का मकसद चंद्रमा पर पानी और दूसरे मटीरियल्स की खोज करना है। रूस को उम्मीद है कि सफल लैंडिंग के बाद उसका लैंडर करीब एक साल तक चांद की सतह पर काम करता रहेगा।
अभी यह जानकारी नहीं है कि रूस का मून मिशन चांद पर कब लैंड करेगा। वहीं, भारतीय स्पेस एजेंसी का चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया है। योजना के अनुसार मिशन 23 अगस्त को चंद्रमा पर लैंड करने की कोशिश करेगा।