खगोलविदों और ब्रह्मांड में होने वाली घटनाओं में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को इस महीने इस सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण देखने को मिलने वाला है। आने वाले 19 नवंबर को यानी कार्तिक पूर्णिमा के दिन पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरेगी। इससे चंद्रमा की सतह पर एक छाया बन जाएगी। नासा ने कहा है पूर्ण चंद्रग्रहण दोपहर 1:30 बजे के बाद असरदार होगा, जब पृथ्वी, फुल मून का 97 प्रतिशत भाग सूर्य की किरणों से छिपाएगी। इस शानदार खगोलीय घटना के दौरान चंद्रमा लाल रंग का हो जाएगा। यह चंद्रग्रहण भारत के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण केवल उन्हीं जगहों पर दिखाई देता है, जहां चंद्रमा आकाश के घेरे में यानी क्षितिज के ऊपर होता है। असम और अरुणाचल प्रदेश सहित भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों को यह दिखाई दे सकता है। उत्तरी अमेरिका के लोगों को यह सबसे बेहतरीन दिखाई देगा। अमेरिका के सभी 50 राज्यों समेत मैक्सिको में भी लोग इसे देख पाएंगे। इसके अलावा, यह चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया, उत्तरी यूरोप और प्रशांत महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक,
चंद्र ग्रहण- 3 घंटे, 28 मिनट और 23 सेकंड तक रहेगा, जो 2001 से वर्ष 2100 के बीच 100 वर्षों में किसी भी अन्य ग्रहण से अधिक लंबा होगा। नासा ने बताया है कि 21वीं सदी में पृथ्वी पर कुल 228 चंद्र ग्रहण होंगे।
जो लोग अपने इलाकों में ग्रहण नहीं देख पाएंगे, वो नीचे दिए गए लिंक पर इस शानदार खगोलीय घटना के गवाह बन सकते हैं।
आम तौर पर चंद्रमा इसकी सतह से परावर्तित होने वाली सूर्य की रोशनी से जगमग होता है। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं। पृथ्वी, सूर्य के प्रकाश को चंद्रमा तक पहुंचने से रोकती है और इस तरह से ऐसा लगता है कि चंद्रमा को पृथ्वी ने खा लिया है। पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान, चंद्रमा का 100 प्रतिशत भाग पृथ्वी की शंकु के आकार की छाया से ढका रहता है।