• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • 35 डिग्री झुक जाए मंगल ग्रह तो बहने लगेगा पानी! नई स्‍टडी ने चौंकाया, आप भी पढ़ें

35 डिग्री झुक जाए मंगल ग्रह तो बहने लगेगा पानी! नई स्‍टडी ने चौंकाया, आप भी पढ़ें

ब्राउन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक स्‍टडी में पाया है कि मंगल ग्रह पर नालियों जैसी संरचना के निर्माण में पिघलती बर्फ के पानी ने अहम भूमिका निभाई होगी।

35 डिग्री झुक जाए मंगल ग्रह तो बहने लगेगा पानी! नई स्‍टडी ने चौंकाया, आप भी पढ़ें

Photo Credit: Nasa

गौरतलब है कि मंगल ग्रह जब अपने शुरुआती दौर में था, तो वहां पानी बहा करता था। माना जाता है कि करीब 3 अरब साल पहले मंगल ग्रह का पानी खत्‍म हो गया।

ख़ास बातें
  • मंगल ग्रह को लेकर हुई नई रिसर्च
  • पानी के बहने से ग्रह पर हुआ नालियों का निर्माण
  • 35 डिग्री झुके मंगल तो हो सकता है वातावरण गर्म
विज्ञापन
मंगल ग्रह (Mars) पर कभी पानी हुआ करता था, इस तथ्‍य से वैज्ञानिक वर्षों से परिचित हैं। लाल ग्रह पर अंतरिक्ष एजेंसियों द्वारा भेजे गए मिशनों से वहां गड्ढेदार चैनलों का पता चला है। इन्‍हें मंगल ग्रह की गली या नाली कहा जाता है। हालांकि पास से देखा जाए, तो ये घाटियां जैसी हैं। ब्राउन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक स्‍टडी में पाया है कि इन नालियों के निर्माण में पिघलती बर्फ के पानी ने अहम भूमिका निभाई होगी। मंगल ग्रह पर मौजूद ये नालियां, पृथ्‍वी पर अंटार्कटिका की सूखी घाट‍ियों में पाई जाने वाली नालियों से मिलती-जुलती हैं। दिलचस्‍प तथ्‍य यह है कि अंटार्कटिका की घाटियों में मौजूद नालियां भी ग्‍लेशियरों के पानी के कारण बनी हैं। 

मंगल ग्रह पर पानी कैसे पिघला होगा, यह जानने के लिए रिसर्च टीम ने एक मॉडल तैयार किया। टीम को पता चला कि मंगल ग्रह जब अपनी धुरी पर लगभग 35 डिग्री तक झुक जाता है, तो इसका वातावरण इतना घना हो जाता है कि बर्फ के पिघलने की घटनाएं कुछ समय तक हो सकती हैं। 

मंगल ग्रह का अपनी धुरी पर झुकाव बदलता रहता है। अगर ग्रह 35 डिग्री तक झुक जाए, तो बर्फ को पिघलाने के लिए पर्याप्‍त रूप से गर्म होने लगेगा। ऐसे में मंगल ग्रह पर बर्फ के रूप में मौजूद पानी तरल रूप में वापस आ सकता है। 

गौरतलब है कि मंगल ग्रह जब अपने शुरुआती दौर में था, तो वहां पानी बहा करता था। माना जाता है कि करीब 3 अरब साल पहले मंगल ग्रह का पानी खत्‍म हो गया। लाल ग्रह सूख गया और रेग‍िस्‍तान जैसे हालात में तब्‍दील हो गया। 

शोध के निष्‍कर्षों से पता चलता है कि मंगल ग्रह पर नालियों का निर्माण कई-कई वर्षों में होता रहा। सबसे हालिया घटना 6 लाख 30 हजार साल पहले हुई होगी, ऐसा अनुमान लगाया गया है। यह स्‍टडी साइंस जर्नल में पब्लिश हुई है। स्‍टडी पूर्व में हुई एक रिसर्च पर आधारित थी, जिसमें कई दशक पहले ही मंगल ग्रह पर नालियों की जांच शुरू कर दी गई थी। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. MG Motor की Windsor EV को जोरदार रिस्पॉन्स, कंपनी को प्रति दिन मिल रही 200 बुकिंग्स
  2. Infinix ने 40 इंच फुलएचडी डिस्प्ले, 16W साउंड के साथ नया स्मार्ट TV किया लॉन्च, जानें कीमत
  3. iPhone 16e को Rs 4 हजार सस्ता खरीदने का मौका! प्री-ऑर्डर के साथ कंपनी लाई धांसू ऑफर
  4. IND vs PAK Live Streaming: भारत-पाकिस्तान के बीच चैंपियंस ट्रॉफी का महामुकाबला, यहां देखें फ्री!
  5. Tata Motors की बड़ी कामयाबी, 2 लाख से ज्यादा EV की बिक्री
  6. Xiaomi 22.5W फास्ट चार्जर पर भारी छूट, Amazon पर मात्र Rs 599 में खरीदने का मौका!
  7. iPhone 17 में Apple लगाएगी अपनी खुद की WiFi चिप! यहां हुआ खुलासा
  8. Chhaava Box Office Collection Day 8: विक्की कौशल की फिल्म 'छावा' Rs 242 करोड़ के पार, पीएम मोदी ने भी की तारीफ!
  9. क्रिप्टोकरेंसी की सबसे बड़ी चोरी, Bybit एक्सचेंज को हुआ 1.5 अरब डॉलर का नुकसान
  10. 6.5 हजार फीट नीचे समुद्र में तैरने वाली भयानक मछली कैमरा में कैद! देखें वीडियो
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »