अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए एक बड़ी सप्लाई भेजने जा रही है। 23 नवंबर को ट्विटर के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) का फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9) कैनेडी स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। यह रॉकेट अपने साथ करीब 3,500 किलोग्राम कार्गो लेकर रवाना होगा। कार्गो की सप्लाई से जुड़ा यह 26वां मिशन है, जिसके तहत वैज्ञानिकों के प्रयोगों से जुड़े सामान को ISS पर पहुंचाया जाएगा। इस सामान में टमाटर भी शामिल हैं, जिन्हें स्पेस में उगाने पर साइंटिस्ट काम करेंगे। आइए जानते हैं और क्या कुछ खास है।
तो शुरुआत टमाटर से ही कर लेते हैं। दरअसल,
अंतरिक्ष में इंसानों का जो घर है, उसे इंटरनेशल स्पेस स्टेशन कहा जाता है। यहां कई देशों के वैज्ञानिक एक निश्चित अंतराल के लिए पहुंचते हैं और अपने मिशनों को आगे बढ़ाते हैं। अभी ISS पर जो अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं, वह वेज-05 प्रयोग (Veg-05 experiment) के तहत अंतरिक्ष में बौने टमाटर उगाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इसका मकसद अंतरिक्ष में पौष्टिक फूड सिक्योरिटी को सुनिश्चित करना है। यह भविष्य के मिशनों के लिए काफी अहम है। नासा का मानना है कि अगर कम गुरुत्वाकर्षण में भोजन उगाना मुमकिन हो जाए, तो अंतरिक्ष यात्रियों के भोजन के लिए पृथ्वी पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। वैज्ञानिकों के पास खेती करने के लिए दूसरे प्लेटफॉर्म्स भी मौजूद होंगे।
प्रयोग के तहत वैज्ञानिक यह देख रहे हैं कि अंतरिक्ष में टमाटर की फसल कितनी अच्छी तरह से बढ़ती है। टमाटर कितने स्वादिष्ट और पौष्टिक होते हैं। वैज्ञानिकों की सेहत पर ऐसे टमाटरों का क्या असर होगा, यह भी रिसर्च का हिस्सा है। अंतरिक्ष यात्री स्पेस में हरी सब्जियां उगा चुके हैं। अब टमाटर की बारी है, क्योंकि टमाटर काफी पौष्टिक होते हैं।
वैज्ञानिक, मून माइक्रोस्कोप प्रोजेक्ट (Moon Microscope project) पर भी काम कर रहे हैं। इसके तहत वैज्ञानिकों की जांच तो स्पेस में की जाएगी और उनकी बीमारी को ठीक करने के लिए पृथ्वी पर मौजूद डॉक्टरों की मदद ली जाएगी। कार्गो के तहत एक पोर्टेबल हैंड-हेल्ड माइक्रोस्कोप और छोटी सेल्फ-कंटेंड ब्लड सैंपल स्टेनिंग डिवाइस को भी वहां भेजा जा रहा है। इसकी मदद से अंतरिक्ष यात्री अपने ब्लड सैंपल की इमेजेस को पृथ्वी पर भेजेगा और डॉक्टर उसकी परेशानी का पता लगा पाएंगे। कार्गो में कंस्ट्रक्शन से जुड़ा मटीरियल भी भेजा जाना है। इसकी मदद से अंतरिक्ष यात्री ऐसे शेप्स को डिजाइन करने की कोशिश करेंगे, जो पृथ्वी पर मुमकिन नहीं है।