नासा चांद पर अपना महत्वाकांक्षी मिशन भेजने की तैयारी कर रही है। इस मिशन का नाम Artemis मिशन है जिसमें नासा का साथ 9 और कंपनियां देंगी। नासा के Artemis मिशन में 9 कंपनियां शामिल होंगी जो एजेंसी की मदद इस मिशन के सफल होने में करेंगी। नासा ने इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 24 मिलियन डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है।
एलन मस्क की कंपनी SpaceX स्पेसक्राफ्ट Lunar Trailblazer को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है जो चांद पर जाकर पानी की तलाश करेगा। यह चांद की सतह पर विचरण करने के लिए डिजाइन किया गया खास स्पेसक्राफ्ट है। स्पेसएक्स इसे 26 फरवरी को लॉन्च करेगी। स्पेसक्राफ्ट को NASA के Kennedy Space Center से लॉन्च किया जाएगा। चांद पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने में यह स्पेसक्राफ्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नासा ने साल 2022 में DART (डबल एस्टरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट) मिशन को टेस्ट किया था। एक स्पेसक्राफ्ट को डिमोर्फोस एस्टरॉयड से टकराया था। शुरुआती नतीजे उत्साहजनक रहे थे और नासा ने कन्फर्म किया था कि टक्कर के कारण एस्टरॉयड के पथ में बदलाव हुआ। नासा अपने मकसद में कितना कामयाब रही, यह पता लगाने के लिए SpaceX हेरा स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने जा रही है। यह साल 2026 में डिमोर्फोस तक पहुंचकर उसे हुए इम्पैक्ट का आकलन करेगा।
Nasa NEOWISE Mission : NEOWISE का पूरा नाम नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट वाइड-फील्ड इन्फ्रारेड सर्वे एक्सप्लोरर है। साल 2009 में लॉन्च हुआ मिशन 31 जुलाई को पूरा हो जाएगा।
What is Ariane 6 Rocket : यूरोपीय स्पेस प्रोग्राम ने बुधवार को बड़ी छलांग लगाई। यूरोप के पहले हैवी लिफ्ट रॉकेट ‘एरियन-6’ (Ariane 6) ने अपनी पहली सफल उड़ान भरी।
चीनी वैज्ञानिक एक विशाल विद्युत चुंबकीय लॉन्च ट्रैक पर काम कर रहे हैं। इसकी मदद से बोइंग 737 से भी लंबे 50 टन के विशाल स्पेसप्लेन को लॉन्च करने की कोशिश की जाएगी।
अधिकतर महीनों में केवल एक फुल मून होता है। ऐसा कम ही होता है कि जब समान महीने में दूसरा फुल मून सामने आए। ब्लू मून के प्रत्येक तीन वर्ष में एक बार दिखने की संभावना होती है
Chandrayaan-3 Date and Timing Confirm: यह लॉन्च अब 14 जुलाई को 2:35 pm पर होगा। ISRO ने बुधवार को कहा था कि चंद्रयान-3 स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च व्हीकल (LVM3) के साथ इंटीग्रेट किया गया है।
Juice Mission : अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया के लिए आज एक बड़ा दिन है। हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति (Jupiter) और उसके चंद्रमाओं को एक्सप्लोर करने के लिए एक मिशन लॉन्च होने जा रहा है।
ज्युपिटर पर रेडिएशन अधिक होने के कारण स्पेसक्राफ्ट के साथ ही कैप्चर की गई इमेज पर भी असर पड़ता है। धरती की तुलना में ज्युपिटर पर पूर्ण ग्रहण अधिक होता है