• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • AI ने मापी बैक्टीरिया के 90 करोड़ साल पुराने इतिहास की गहराई, मिले चौंकाने वाले परिणाम

AI ने मापी बैक्टीरिया के 90 करोड़ साल पुराने इतिहास की गहराई, मिले चौंकाने वाले परिणाम

वैज्ञानिकों के लिए बैक्टीरिया के शुरुआती विकास की टाइमलाइन जानना बहुत ही कठिन रहा है।

AI ने मापी बैक्टीरिया के 90 करोड़ साल पुराने इतिहास की गहराई, मिले चौंकाने वाले परिणाम

Photo Credit: iStock

पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवों की खरबों प्रजातियां मौजूद हैं जिनमें से अधिकतर बैक्टीरिया हैं।

ख़ास बातें
  • बैक्टीरिया के शुरुआती विकास की टाइमलाइन जानना बहुत ही कठिन रहा है।
  • अब मशीन लर्निंग की बदौलत वैज्ञानिक कई जानकारी जुटा पाने में सक्षम हुए।
  • बैक्टीरिया एक सिंगल कोशिका वाले छोटे जीव होते हैं।
विज्ञापन
पृथ्वी पर सूक्ष्मजीवों की खरबों प्रजातियां मौजूद हैं जिनमें से अधिकतर बैक्टीरिया हैं। बैक्टीरिया एक सिंगल कोशिका वाले छोटे जीव होते हैं। इनमें न तो हड्डी होती है और न ही ये अन्य बड़े जानवरों की तरह कोई साफ निशान छोड़कर जाते हैं। इसलिए इनको स्टडी करना बहुत मुश्किल हो जाता है और इनका इतिहास जान पाना बेहद कठिन काम बन जाता है। क्योंकि अन्य बड़े प्राणी अपने पीछे हड्डियों और जीवाश्मों के रूप में निशान छोड़ जाते हैं लेकिन बैक्टीरिया के साथ ऐसा कुछ भी नहीं है। 

वैज्ञानिकों के लिए बैक्टीरिया के शुरुआती विकास की टाइमलाइन जानना बहुत ही कठिन रहा है। लेकिन अब मशीन लर्निंग की बदौलत वैज्ञानिक कई जानकारी जुटा पाने में सक्षम हो गए हैं। Science में प्रकाशित नई रिसर्च के अनुसार, लगभग 2.4 अरब वर्ष पहले पृथ्वी के ऑक्सीजन से संतृप्त होने से बहुत पहले ही कुछ बैक्टीरिया ने ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने की क्षमता विकसित कर ली थी। करीब 4.5 अरब साल पहले चंद्रमा का निर्माण हुआ था। बहुत ही विनाशक तरीके से मंगल ग्रह के आकार का एक पिंड पृथ्वी से टकराया, जिससे इसकी सतह पिघली हुई चट्टान में बदल गई। अगर इस प्रलय से पहले जीवन मौजूद था, तो शायद वह नष्ट हो गया था।

इस विनाश के बाद सभी जीवित प्राणियों के वर्तमान पूर्वज धरती पर प्रकट हुए जो कि सिंगल कोशिका वाले सूक्ष्मजीव थे। जीवन के इतिहास के शुरुआती 80% हिस्से तक पृथ्वी पर केवल इन सूक्ष्मजीवों का ही वास था। DNA सिक्वेंस भी हमें बैक्टीरिया के इतिहास तक नहीं ले जा पाते हैं। DNA की तुलना से यह पता नहीं चलता कि पृथ्वी के इतिहास में विकासवादी घटनाएँ कब हुईं। जियोलॉजी हमें एक चीज जरूर सिखाती है कि 2.4 अरब वर्ष पहले पृथ्वी का वायुमंडल नाटकीय रूप से बदल गया। सायनोबैक्टीरिया (cyanobacteria) नामक जीवाणुओं के एक समूह ने एक ऐसी युक्ति का आविष्कार किया जिसने जीवन की कहानी को हमेशा के लिए बदल दिया और वह थी- प्रकाश संश्लेषण।

इनकी कोशिकाओं को सूर्य से ऊर्जा मिलनी शुरू हुई। लेकिन इससे एक असुविधाजनक अपशिष्ट उत्पाद भी निकला और वह था- ऑक्सीजन गैस। लाखों वर्षों के दौरान, वायुमंडल में ऑक्सीजन धीरे-धीरे जमा होती गई। इसे Great Oxidation Event कहा जाता है। हम जानते हैं कि यह लगभग 2.4 अरब साल पहले हुआ था। और हम यह भी जानते हैं कि ऑक्सीजन के अनुकूल होने वाले अधिकांश बैक्टीरिया को इस घटना के बाद भी जीवित रहना पड़ा। हमने इस जानकारी का उपयोग बैक्टीरियल ट्री लाइफ को जोड़ने के लिए किया।

हमने एक आर्टिफिशियल (AI) मॉडल को ट्रेनिंग देकर यह अनुमान लगाना शुरू किया कि कोई बैक्टीरिया अपने जीन (gene) से ऑक्सीजन के साथ रहता है या नहीं। आज हम जो कई बैक्टीरिया देखते हैं, वे ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, जैसे कि साइनोबैक्टीरिया और समुद्र में रहने वाले अन्य बैक्टीरिया। लेकिन कई बैक्टीरिया ऐसा नहीं करते हैं, जैसे कि हमारे पेट में रहने वाले बैक्टीरिया। इसके बाद हमने मशीन लर्निंग मॉडल का प्रयोग करके यह अनुमान लगाया कि अतीत में कौन से बैक्टीरिया ऑक्सीजन का उपयोग करते थे।

भूविज्ञान, जीवाश्म विज्ञान, फ़ाइलोजेनेटिक्स और मशीन लर्निंग के परिणामों को मिलाकर, हम बैक्टीरिया के विकास के समय को काफी हद तक रिफाइन करने में सक्षम थे। हमारे परिणामों ने एक आश्चर्यजनक ट्विस्ट भी दिखाया। वो यह कि ऑक्सीजन का उपयोग करने में सक्षम कुछ बैक्टीरिया वंश Great Oxidation Event से लगभग 900 मिलियन वर्ष पहले मौजूद थे। इससे पता चलता है कि इन बैक्टीरिया ने ऑक्सीजन का उपयोग करने की क्षमता तब भी विकसित की जब वायुमंडलीय ऑक्सीजन दुर्लभ थी। उल्लेखनीय रूप से, हमारे निष्कर्षों से पता चला कि साइनोबैक्टीरिया ने प्रकाश संश्लेषण विकसित करने से पहले ही ऑक्सीजन का उपयोग करने की क्षमता विकसित कर ली थी।
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
Turbo Read

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Realme 16 Pro सीरीज जल्द होगी भारत में लॉन्च, 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  2. हर साल नया Pixel फोन? Google भारत में लाया नई अपग्रेड स्कीम, जानें सब कुछ
  3. U&i ने भारत में लॉन्च किए ईयरफोन्स, पावर बैंक और हाई-पावर चार्जर, कीमत Rs 349 से शुरू
  4. Sony Year-End Holiday Sale: PS5 पर बंपर डिस्काउंट, Games पर भी 3 हजार से ज्यादा छूट!
  5. Vivo X200T में मिल सकती है 50 मेगापिक्सल की ट्रिपल रियर कैमरा यूनिट
  6. Redmi Note 15 5G की कीमत हुई लॉन्च से पहले लीक, जानें कैसे होंगे फीचर्स
  7. Apple की कमाई बढ़ाने की तगड़ी प्लानिंग, यूजर्स को अब दिखाई देंगे और ज्यादा Ads!
  8. Realme Narzo 90 5G vs Vivo Y39 5G vs OnePlus Nord CE4 Lite 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  9. फोन रिपेयर के नाम पर 16 हजार का बिल, यूजर ने AI की मदद से 1,450 में कर दिया ठीक!
  10. Dreame E1 देगा 108 मेगापिक्सल कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ दस्तक, जानें सबकुछ
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »