अमेरिकी डिवाइसेज मेकर Apple ने भारत में जून तिमाही में रेवेन्यू का रिकॉर्ड बनाया है। इसका कारण iPhone की जोरदार सेल्स है। हाल ही में भारत की यात्रा करने वाले कंपनी के CEO,Tim Cook ने कहा कि वह दुनिया के इस दूसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन मार्केट में कंपनी की ग्रोथ से खुश हैं।
कुक का कहना था कि भारत में मौजूद बड़े मौके से फायदा उठाने के लिए
एपल अपनी कोशिशें बढ़ाएगी। देश के बड़े स्मार्टफोन मार्केट में एपल की हिस्सेदारी कम है। एपल ने बताया कि देश में लॉन्च किए गए नए स्टोर्स का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है। भारत में संभावना के बारे में एक प्रश्न पर कुक ने बताया, "हमने जून तिमाही में देश में रेवेन्यू का रिकॉर्ड बनाया है और हमारी ग्रोथ डबल डिजिट में रही है। हमने पिछली तिमाही में अपने शुरुआती दो स्टोर्स भी खोले हैं। ये स्टोर्स हमारी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।" कंपनी की योजना भारत में डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर सेगमेंट में अधिक इनवेस्टमेंट करने की है।
एपल ने सप्लायर्स को इस वर्ष iPhone 15 की लगभग 8.5 करोड़ यूनिट्स बनाने को कहा है। ग्लोबल इकोनॉमी में कमजोरी और स्मार्टफोन मार्केट में कमी होने के पूर्वानुमान के बावजूद एपल ने आईफोन की नई सीरीज की बड़ी संख्या में सप्लाई तैयार रखने की योजना बनाई है। Bloomberg की रिपोर्ट में कंपनी की योजना के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि
आईफोन के प्रो मॉडल्स के प्राइसेज को बढ़ाया जा सकता है। दुनिया की इस सबसे अधिक वैल्यू वाली कंपनी के शेयर प्राइस में इस वर्ष लगभग 50 प्रतिशत की तेजी आई है। इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़कर लगभग तीन लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया है।
इकोनॉमी को लेकर अनिश्चितता और प्राइसेज बढ़ने की वजह से कंज्यूमर्स और एंटरप्राइसेज की ओर से स्मार्टफोन्स से लेकर कंप्यूटर्स तक की खरीदारी में कमी हुई है। इससे एपल सहित बहुत सी डिवाइसेज बनाने वाली कंपनियों की डिमांड पर असर पड़ा है। एपल के बिजनेस से दक्षिण कोरिया की Samsung से लेकर ताइवान की फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों पर भी असर पड़ता है। एपल ने चीन के बाहर अपना प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना बनाई है। इसने भारत में प्रोडक्शन बढ़ाने की तैयारी की है। कंपनी की नई आईफोन सीरीज इस वर्ष के अंत में लॉन्च होने की संभावना है।