ऐप के जरिए कैब सर्विस देने वाली Ola ने यूजर के स्मार्टफोन के आधार पर प्राइसिंग को तय करने से इनकार किया है। इससे पहले Uber ने भी एपल और एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के लिए अलग प्राइसिंग के आरोप को गलत बताया था। पिछले सप्ताह इन दोनों कैब कंपनियों को सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने स्मार्टफोन्स के आधार पर अलग प्राइस वसूसने के आरोप को लेकर नोटिस भेजे थे।
Ola Consumer के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे पास सभी कस्टमर्स के लिए एक समान प्राइसिंग स्ट्रक्चर है और हम यूदर के स्मार्टफोन के ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर राइड्स का अलग प्राइस नहीं लेते।" उन्होंने बताया कि हमने CCPA को यह स्पष्ट कर दिया है। इस बारे में किसी गलतफहमी को दूर करने के लिए CCPA के साथ ओला कंज्यूमर कार्य करेगी। इस बारे में Apple और Google ने Reuters की ओर से भेजे गए टिप्पणी के लिए निवेदन का उत्तर नहीं दिया है।
इससे पहले
Uber ने भी यूजर्स के स्मार्टफोन्स के आधार पर प्राइसिंग तय करने से इनकार किया था। सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने
Ola और उबर के एपल और एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के आधार पर अलग प्राइस वसूलने की शिकायत की थी। इसके बाद CCPA ने इन दोनों कंपनियों को कथित तौर पर प्राइसिंग में अंतर को लेकर नोटिस भेजा था। कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर, Pralhad Joshi ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में इन कंपनियों को CCPA की ओर से नोटिस दिए जाने की जानकारी दी थी। जोशी ने बताया था कि वह CCPA से फूड डिलीवरी और ऑनलाइन टिकटिंग जैसे अन्य सेगमेंट में भी अलग प्राइसिंग के आरोपों की जांच करने का निर्देश देंगे।
उबर के बड़े मार्केट्स में भारत शामिल है। हाल ही में जोशी ने कहा था कि प्राइसिंग में भेदभाव कंज्यूमर्स के अधिकारों का बड़ा उल्लंघन है। पिछले वर्ष अक्टूबर में CCPA ने बड़ी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों में शामिल Ola Electric को कंज्यूमर्स के अधिकारों के कथित उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित कारोबारी तरीकों को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया था। CCPA ने ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ बड़ी संख्या में शिकायतों की शुरुआती जांच की थी। इसमें कस्टमर्स के अधिकारों का उल्लंघन, भ्रामक विज्ञापन और सर्विस में कमियों जैसे उल्लंघन पाए गए थे। इसके बाद CCPA के डायरेक्टर जनरल ऑफ इनवेस्टिगेशन को इस मामले की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी।