जब टेक कंपनियां अपने स्मार्टफोन लॉन्च करती हैं तो ग्राहकों का ध्यान खींचने के लिए बड़े-बड़े दावे करती हैं। लेकिन हम अधिकतर यह भूल जाते हैं कि 'असली कहानी तो इनसे जुड़ी पूरी जानकारी' में है। ऐप्पल ने अपना बहुप्रतीक्षित स्मार्टफोन आईफोन 7
लॉन्च कर दिया। कंपनी ने फोन के आईफ67 सर्टिफिकेशन के साथ वाटर रेसिस्टेंस होने का ऐलान किया। हालांकि, कंपनी ने अब साफ कर दिया है कि
आईफोन 7 और
आईफोन 7 प्लस में 'लिक्विड डैमेज' वारंटी में कवर नहीं होगा।
आईफोन 7 के
प्रोडक्ट पेज पर दिए फुटनोट में बहुत छोटे अक्षरों में ध्यान दें। ऐप्पल ने कहा है कि पीनी और धूल से फोन हमेशा के लिए रेसिस्टेंस नहीं है और दोनों फोन समय बीतने के साथ कम रेसिस्टेंस हो जाते हैं। इस चेतावनी के बाद ऐप्पल ने बताया है कि अगर आईफोन पानी में भीग गया है तो इसे चार्ज ना करें। कंपनी ने आगे लिखा, ''लिक्विड डैमेज वारंटी में कवर नहीं होता।''
हालांकि, कंपनी का दावा है कि आईफोन 7 और आईफोन 7 प्लस वाटर और डस्ट रेसिस्टेंस हैं। और इन्हें आईपी67 व आईईसी स्टैंडर्ड 60529 सर्टिफिकेश के साथ लैब में टेस्ट किया गया है। लेकिन इसके बावज़ूद कंपनी द्वारा लिक्विड डैमेज पर वारंटी ना देने से कंपनी के स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे ग्राहकों के विश्वास को डिगा सकती है।
गौर करने वाली बात है कि ऐप्पल ऐसा बयान देने वाली पहली कंपनी नहीं है। इससे पहले सोनी भी अपने उन फोन के लिए ऐसा कर चुकी है जो आईपी68 सर्टिफिकेट के साथ आते हैं। सोनी ने केवल इसके लिए
दिशा-निर्देश जारी किए थे बल्कि रेटिंग का मतलब भी बताया था। और कहा था कि डिवाइस को गलत तरीके से इस्तेमाल करने पर किसी तरह की वारंटी नहीं मिलेगी। सोनी ने इस साल
अप्रैल में यह चेतावनी थी कि और कहा था कि एक्सपीरिया डिवाइस (टैबलेट या स्मार्टफोन) के यूज़र को इसे पानी में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कंपनी के मुताबिक पानी में फोन इस्तेमाल करने पर इसकी वारंटी खत्म हो जाएगी।
कंपनी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण का मतलब यह नहीं है कि डिवाइस के गलती से पानी में गिरने से होने वाला नुकसान वारंटी में कवर नहीं होगा।