साल 2022 की तीसरी तिमाही से भारतीय स्मार्टफोन मार्केट ने गिरावट का जो दौर देखा था, वह थमता हुआ नजर आ रहा है। 27 फीसदी तक रिकॉर्ड गिरावट के बाद 2023 की दूसरी तिमाही (अप्रैल से जून) में भारत का स्मार्टफोन मार्केट स्टेबल हुआ है। इस दौरान 36.1 मिलियन (3.61 करोड़) यूनिटों की शिपमेंट हुई और मार्केट में गिरावट 1% तक सिमट गई। ये आंकड़े कैनालिस की नई रिपोर्ट में सामने आए हैं। स्मार्टफोन्स शिपमेंट के मामले में सैमसंग (Samsung) सबसे आगे है। शाओमी और रियलमी दोनों पीछे रह गए हैं, क्योंकि दूसरे नंबर पर वीवो (Vivo) ने जगह बनाई है।
कैनालिस के
आंकड़े बताते हैं कि इस साल की दूसरी तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन्स शिपमेंट और सालाना ग्रोथ के मामले में सैमसंग सबसे आगे है। उसने 66 लाख स्मार्टफोन्स की शिपमेंट की है। सैमसंग का मार्केट शेयर 18 फीसदी है। हालांकि 2022 की दूसरी तिमाही के मुकाबले सैमसंग के शिपमेंट्स में 1 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी ने पिछले साल इस दौरान 67 लाख स्मार्टफोन्स की शिपिंग की थी।
सबसे ज्यादा फायदा वीवो को हुआ है। वीवो ने 2023 की दूसरी तिमाही में 64 लाख स्मार्टफोन्स शिपमेंट किए हैं। अभी उसका मार्केट शेयर 18 फीसदी है, जो पिछले साल की दूसरी तिमाही से 7 फीसदी ज्यादा है।
तीसरे नंबर पर है शाओमी, जिसने इस साल दूसरी तिमाही में 54 लाख स्मार्टफोन्स की शिपिंग की है। शाओमी का मार्केट शेयर 15 फीसदी ज्यादा है, लेकिन 2022 की दूसरी तिमाही के मुकाबले यह 22 फीसदी कम है। तब कंपनी ने 70 लाख स्मार्टफोन्स की शिपिंग की थी।
रियलमी चौथे पायदान पर है। इस साल की दूसरी तिमाही में उसके स्मार्टफोन्स शिपमेंट्स का आंकड़ा 43 लाख है। यह पिछले साल की दूसरी तिमाही से 29 फीसदी कम है। तब कंपनी ने 61 लाख शिपमेंट्स किए थे। ओपो (Oppo) पांचवें नंबर पर है और 2022 की दूसरी तिमाही के मुकाबले उसके शिपमेंट्स भी 7 फीसदी कम हुए हैं। बाकी स्मार्टफोन्स ब्रैंड के पास 27 फीसदी मार्केट शेयर है। उन्होंने इस साल की दूसरी तिमाही में 97 लाख शिपमेंट्स किए हैं, जो पिछले साल से 44 फीसदी ज्यादा हैं।