अमेरिका ने टाटा ग्रुप के मालिकाना हक वाली Air India को पैसेंजर्स को 12 करोड़ डॉलर से अधिक का रिफंड देने और रिफंड में देरी के लिए लगभग 14 लाख डॉलर की पेनल्टी चुकाने का ऑर्डर दिया है। ये रिफंड फ्लाइट्स के कैंसल होने या उनमें बदलाव होने के कारण पैसेंजर्स को दिया जाना है।
एयर इंडिया उन छह एयरलाइंस में शामिल है जिन्होंने 60 करोड़ डॉलर से अधिक रिफंड के तौर पर देने पर सहमति जताई है। एयर इंडिया की 'रिक्वेस्ट पर रिफंड' की पॉलिसी अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन के नियमों के विपरीत है। इन नियमों के तहत एयरलाइंस को फ्लाइट के कैंसल होने या उसमें बदलाव होने पर पैसेंजर्स को रिफंड देना होता है। एयर इंडिया से जुड़े पैसेंजर्स के रिफंड के ये मामले टाटा ग्रुप की ओर से
एयरलाइन को खरीदने से पहले के थे। इस बारे में की गई जांच में पता चला था कि एयरलाइन ने डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन को दी गई रिफंड की लगभग 1,900 शिकायतों में से आधी से अधिक को प्रोसेस करने में 100 दिनों से अधिक लगाए थे।
डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने बताया, "एयर इंडिया ने समय पर रिफंड नहीं दिए थे। इसकी वजह से पैसेंजर्स को नुकसान हुआ है।" एयर इंडिया के अलावा रिफंड और पेनल्टी चुकाने वाली एयरलाइंस में Frontier, TAP Portugal, Aero Mexico, EI AI और Avianca शामिल हैं। Frontier को 22 करोड़ डॉलर से अधिक का रिफंड और लगभग 22 लाख डॉलर की पेनल्टी चुकाने का ऑर्डर दिया गया है। TAP Portugal को 12.6 करोड़ डॉलर से अधिक का रिफंड और 11 लाख डॉलर की पेनल्टी देनी होगी।
इस बारे में डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने कहा कि किसी एयरलाइन का
पैसेंजर्स को रिफंड देने के मना करना और इसके बजाय उन्हें वाउचर्स उपलब्ध कराना गैर कानूनी है। अमेरिका के ट्रांसपोर्टेशन सेक्रेटरी Pete Buttigieg का कहना था, "किसी फ्लाइट के कैंसल होने पर रिफंड की मांग करने वाले पैसेंजर्स को तुरंत भुगतान करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता तो हम अमेरिकी ट्रैवलर्स की ओर से एयरलाइन को जवाबदेह ठहराने के लिए कार्रवाई करेंगे और उन्हें रिफंड दिलाएंगे। फ्लाइट के कैंसल होने से काफी परेशानी होती है और इसके बाद रिफंड लेने में परेशानी या महीनों का इंतजार नहीं होना चाहिए।"