पिछले महीने वॉल्यूम के लिहाज से UPI ट्रांजैक्शंस लगभग 20.7 अरब और वैल्यू में लगभग 27.28 लाख करोड़ रुपये की रही हैं
भारत में सभी डिजिटल ट्रांजैक्शंस में UPI की हिस्सेदारी लगभग 85 प्रतिशत की है
देश में पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल तरीके से पेमेंट्स का दायरा तेजी से बढ़ा है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के जरिए ट्रांजैक्शंस ने अक्टूबर में रिकॉर्ड बनाया है। पिछले महीने वॉल्यूम के लिहाज से UPI ट्रांजैक्शंस लगभग 20.7 अरब और वैल्यू में लगभग 27.28 लाख करोड़ रुपये की रही हैं।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बचाया कि अक्टूबर में UPI ट्रांजैक्शंस की वैल्यू लगभग 27.28 लाख करोड़ रुपये की हैं, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में लगभग 23.49 लाख करोड़ रुपये की थी। इन ट्रांजैक्शंस में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी महीना-दर-महीना आधार पर लगभग 9.5 प्रतिशत की है। पिछले महीने प्रतिदिन की औसत UPI ट्रांजैक्शंस 66.8 करोड़ और औसत वैल्यू लगभग 87,993 करोड़ रुपये की है। NPCI ने कहा है कि इन ट्रांजैक्शंस की वॉल्यूम में लगातार हो रही बढ़ोतरी देश के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती को दिखाती है। अक्टूबर में दिवाली का त्योहार भी इन ट्रांजैक्शंस में मजबूत ग्रोथ का एक बड़ा कारण है।
भारत में सभी डिजिटल ट्रांजैक्शंस में UPI की हिस्सेदारी लगभग 85 प्रतिशत की है। दुनिया में भारत डिजिटल तरीके से सबसे तेज पेमेंट्स करने वाला देश है। विदेश में भी सात देशों में इस पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन देशों में भूटान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस, श्रीलंका, फ्रांस और सिंगापुर शामिल हैं। इससे इन देशों की यात्रा करने वाले भारतीयों को आसानी से पेमेंट करने की सुविधा मिलेगी।
हाल ही में NPCI ने UPI ट्रांजैक्शंस के लिए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन का विकल्प भी दिया है। NPCI ने बताया है कि इससे यूजर्स को UPI के जरिए ट्रांजैक्शंस को फेस या फिंगरप्रिंट के जरिए ऑथेंटिकेट करने की अनुमति मिलेगी। इसमें छह डिजिट के PIN का इस्तेमाल नहीं करना होगा। हालांकि, UPI के जरिए पेमेंट्स को ऑथेंटिकेट करने के लिए PIN के इस्तेमाल के मौजूदा तरीके की भी अनुमति होगी। बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से डिवाइस के जरिए होने वाले फेस और फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन से ट्रांजैक्शंस पहले से आसान हो जाएंगी। इससे पहले UPI के जरिए की जाने वाली पेमेंट्स के लिए ट्रांजैक्शन वैल्यू की लिमिट को बढ़ाया गया था। यह लिमिट सरकारी, ई-मार्केटप्लेस, इंश्योरेंस, ट्रैवल एंड टूरिज्म सहित सभी कैटेगरी के लिए बढ़ी है।
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