• होम
  • इंटरनेट
  • ख़बरें
  • भारत में UPI पेमेंट को लेकर टेंशन बढ़ाने वाला खुलासा! 1 साल में 6 लाख से ज्यादा फ्रॉड, Rs 485 करोड़ की ठगी

भारत में UPI पेमेंट को लेकर टेंशन बढ़ाने वाला खुलासा! 1 साल में 6 लाख से ज्यादा फ्रॉड, Rs 485 करोड़ की ठगी

इस वित्त वर्ष में भारत में यूपीआई फ्रॉड की घटनाएं 85 प्रतिशत बढ़ गई हैं।

भारत में UPI पेमेंट को लेकर टेंशन बढ़ाने वाला खुलासा! 1 साल में 6 लाख से ज्यादा फ्रॉड, Rs 485 करोड़ की ठगी

इंटरनेट और स्मार्टफोन्स की व्यापक रूप से उपलब्धता के बाद भारत में डिजिटल पेमेंट्स का चलन तेजी से बढ़ा है।

ख़ास बातें
  • UPI के जरिए पेमेंट्स करने वाले यूजर्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
  • भारतीयों ने UPI पेमेंट्स में हुए फ्रॉड के चलते 485 करोड़ रुपये गंवाए।
  • फ्रॉड की 6 लाख 32 हजार घटनाएं वित्त वर्ष 2024-25 में दर्ज की गई हैं।
विज्ञापन
इंटरनेट और स्मार्टफोन्स की व्यापक रूप से उपलब्धता के बाद भारत में डिजिटल पेमेंट्स का चलन तेजी से बढ़ा है। UPI के जरिए पेमेंट्स करने वाले यूजर्स की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। लेकिन इसके साथ ही डिजिटल पेमेंट्स के जरिए धोखाधड़ी के मामले भी बढ़े हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीयों ने UPI पेमेंट्स में हुए फ्रॉड के चलते 485 करोड़ रुपये गंवाए हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़ें बताते हैं कि यूनिफाइड पेमेंटंस इंटरफेस यानी UPI के जरिए लोगों के साथ फ्रॉड की 6 लाख 32 हजार घटनाएं वित्त वर्ष 2024-25 में दर्ज की गई हैं। ये आंकड़े सितंबर महीने तक के लिए जारी किए गए हैं। 

वहीं, साल 2022-23 से अबतक देखें तो 27 लाख लोगों के साथ धोखाधड़ी की घटनाएं हुई हैं जिसमें 2145 करोड़ रुपये का चूना यूजर्स को लगाया गया। वहीं अकेले 2023-24 में 13 लाख से ज्यादा लोगों के साथ इस तरह के फ्रॉड की घटनाएं हुईं जिसमें 1087 करोड़ रुपये उन्होंने गंवा दिए। DC की रिपोर्ट के अनुसार UPI से जुड़ी इन फ्रॉड की घटनाओं के बढ़ने के पीछे का कारण यूजर्स की संख्या का बढ़ना, और रियल टाइम पेमेंट्स सिस्टम में कुल ट्रांजैक्शंस की संख्या का बढ़ना है। 

वित्त मंत्रालय की ओर से मंगलवाल को कहा गया कि भारत को इस तरह की धोखाधड़ी को रोकने के लिए फिनटेक इनोवेशन को बढ़ावा देने और विनियामक अनुपालन सुनिश्चित करने के बीच एक बैलेंस बनाना होगा। यानी जितनी इनोवेशन बढ़ रही है उसी के हिसाब से रेगुलेट्री नियमों का पालन भी होना चाहिए। भारत तेजी से बढ़ता हुआ फिनटेक क्षेत्र है जोकि विश्व स्तर पर सबसे बड़ा है। इसलिए सरकार का लक्ष्य भी अलग-अलग क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए इसकी गति को जारी रखना है। 

यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब इस वित्त वर्ष में भारत में यूपीआई फ्रॉड की घटनाएं 85 प्रतिशत बढ़ गई हैं। मंत्रालय की ओर से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि वित्तीय साक्षरता न केवल टेक प्रेमी युवा पीढ़ी के लिए जरूरी है, बल्कि यह वृद्ध नागरिकों के लिए भी इतनी ही जरूरी है। डेटा सेंध और फाइनेंशियल फ्रॉड जैसे उभरते खतरों से निपटने के लिए रेगुलेट्री सेफगार्ड सुनिश्चित करना होगा जिसके लिए खास उपायों की आवश्यकता है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: UPI, UPI Payments, UPI frauds, UPI fraud
हेमन्त कुमार

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर सब-एडिटर हैं और विभिन्न प्रकार के ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Google Search में AI मोड अब भारत में उपलब्ध, यहां जानें कैसे करें इसे उपयोग
  2. Oppo K13 Turbo, Turbo Pro के स्पेसिफिकेशंस लीक, 50MP कैमरा से लेकर ऐसे होंगे फीचर्स
  3. 50MP कैमरा, 4700mAh बैटरी वाले Google स्मार्टफोन पर 12000 का डिस्काउंट, ये है पूरा ऑफर
  4. Samsung से लेकर Redmi और Lava जैसे 8 हजार में आने वाले बेस्ट 5G स्मार्टफोन
  5. Axiom स्पेस मिशन के कल लॉन्च की तैयारी, भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला क्रू में शामिल
  6. Samsung की आगामी Galaxy Z सीरीज के फोल्डेबल स्मार्टफोन्स की भारत में शुरू हुई बुकिंग
  7. Vu ने पेश किया बिल्ट-इन साउंडबार और Dolby Atmos के साथ पहला QLED TV, जानें प्राइस, फीचर्स
  8. Nothing Phone 3 में होगी 5150mAh बैटरी और 65W फास्ट चार्जिंग!
  9. Amazon Prime Day Sale 2025: 12 जुलाई से शुरू होगा अमेजन का शॉपिंग फेस्टिवल, 80% तक छूट का दावा!
  10. OnePlus 15T में मिलेगी 7000mAh बैटरी! डिस्प्ले और प्रोसेसर डिटेल्स भी लीक
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »