UPI vs Credit vs Debit card Payment : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के मंथली आंकड़ों के अनुसार, यूपीआई बेस्ड डिजिटल पेमेंट में बढ़ोतरी के बीच डेबिट कार्ड बेस्ड ट्रांजैक्शन में गिरावट दर्ज हुई है। आंकड़ों के अनुसार, डेबिट कार्ड से होने वाला लेनदेन इस साल अगस्त में लगभग 43,350 करोड़ रुपये से घटकर सितंबर में लगभग 39,920 करोड़ रुपये रह गया। दूसरी ओर, देश में क्रेडिट कार्ड से लेनदेन बढ़ा है। क्रेडिट कार्ड से होने वाला लेनदेन इस साल सितंबर में लगभग 5 प्रतिशत बढ़कर 1.76 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो अगस्त में 1.68 लाख करोड़ रुपये था।
मार्केट एक्सपर्ट के अनुसार, क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च में बढ़ोतरी त्योहारी सीजन के कारण है। फेस्टिव सीजन में कंपनियों ने EMI स्कीम्स और प्रमोशनल ऑफर निकाले, जिसके कारण लोगों ने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट का मोड चुना।
कैश नहीं, अब ऑनलाइन पेमेंट कर रहे लोग
रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन विभाग के अर्थशास्त्री प्रदीप भुइयां के लेटेस्ट पेपर के अनुसार, भारत में डिजिटल लेनदेन इस तरह से बढ़ गया है कि कैश का इस्तेमाल तेजी से घट रहा है। डिजिटल भुगतान की हिस्सेदारी मार्च 2021 में 14-19 प्रतिशत से दोगुनी होकर मार्च 2024 में 40-48 प्रतिशत हो गई, जिसमें यूपीआई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आरबीआई पेपर के अनुसार, हाल के वर्षों में खुदरा डिजिटल भुगतान (आरडीपी) में शानदार बढ़ोतरी देखी गई है, जो रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट को छोड़कर कुल डिजिटल भुगतान है।
2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई ने पिछले पांच सालों में खुदरा डिजिटल भुगतान (आरडीपी) वॉल्यूम में सबसे ज्यादा हिस्सा लिया है।
इस साल की पहली छमाही में यूपीआई बेस्ड लेनदेन की मात्रा 52 प्रतिशत बढ़कर 78.97 अरब हो गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 51.9 अरब थी। इसी तरह, लेनदेन की वैल्यू भी 40 प्रतिशत बढ़कर इस साल के पहले छह महीनों में 83.16 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 116.63 लाख करोड़ रुपये हो गई।