ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Toyota ने पिछले वर्ष दुनिया में सबसे अधिक व्हीकल्स की बिक्री की है। पिछले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की लोकप्रियता बढ़ने के बावजूद ऑटोमोबाइल मार्केट में पेट्रोल और डीजल इंजन वाली कारें बनाने वाली कंपनियों का दबदबा बरकरार है।
पिछले वर्ष टोयोटा ने लगभग 1.12 करोड़ व्हीकल्स की बिक्री की है। यह लगातार चौथा वर्ष है जब जापान की इस कंपनी ने दुनिया में सबसे अधिक व्हीकल्स की बिक्री की है। पिछले वर्ष के लिए कंपनी की रिपोर्ट में बताया गया है कि इसके सबसे अधिक बिकने वाले मॉडल्स में Corolla, RAV4, Camry और Yaris शामिल थे। हालांकि, कंपनी की कुल बिक्री में EV की हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कुछ कम रही।
जर्मनी की Volkswagen ने लगभग 92 लाख व्हीकल्स की बिक्री के साथ ऑटोमोबाइल के इंटरनेशनल मार्केट में दूसरा स्थान हासिल किया है। पिछले वर्ष
टोयोटा ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। कंपनी ने अपने पहले व्हीकल Model G1 truck की मैन्युफैक्चरिंग के लगभग 88 वर्ष बाद 30 करोड़ व्हीकल्स की कुल मैन्युफैक्चरिंग का आंकड़ा पार किया था। इनमें जापान और अन्य देशों में कंपनी की फैक्टरियों में बनाए गए व्हीकल्स शामिल हैं। इनमें से 18 करोड़ से अधिक यूनिट्स की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने जापान और बाकी कई अन्य देशों में मौजूद अपनी फैक्टरियों में की है। इनमें Corolla की सबसे अधिक 53 करोड़ से अधिक यूनिट्स हैं। इस सेडान को 1966 में पहली बार लॉन्च किया गया था और तब से इसमें कई बदलाव हुए हैं। यह दुनिया भर में सबसे लोकप्रिय कारों में शामिल है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में टोयोटा के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) सहित चुनौतियां बढ़ी हैं।
कंपनी ने भारत में अपना तीसरा प्लांट कर्नाटक में लगाने की योजना बनाई है। इससे टोयोटा की प्रोडक्शन कैपेसिटी एक लाख यूनिट्स बढ़ सकती है।
कंपनी ने बताया था कि वह कर्नाटक के बिदादी में बनने वाले इस प्लांट में लगभग 3,300 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट करेगी। इस प्लांट से लगभग 2,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके पास देश में दो प्लांट हैं जिनकी कैपेसिटी लगभग 3.42 लाख यूनिट्स प्रति वर्ष की है। टोयोटा के लिए देश का मार्केट बहुत महत्वपूर्ण है। नए प्लांट से कंपनी को देश में अपनी बिक्री बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।