अमेरिकी फर्म Fisker अगले वर्ष भारत में अपने स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल (SUV) Ocean की बिक्री शुरू करेगी। Fisker का कहना है कि अगले कुछ वर्षों में वह देश में अपनी कारों की मैन्युफैक्चरिंग भी कर सकती है। देश में कारों की वार्षिक बिक्री लगभग 30 लाख यूनिट की है और इसमें इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी लगभग एक प्रतिशत है।
Fisker के चीफ एग्जिक्यूटिव Henrik Fisker ने Reuters को दिए एक इंटरव्यू में
कहा कि भारत में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 2025-26 तक बढ़ जाएगी। उनका कहना था कि फर्म इस सेगमेंट में शुरुआत में आने का फायदा उठाना चाहती है। Henrik ने कहा, "भारत में आखिरकार पूरी तरह इलेक्ट्रिक हो जाएंगी। यह अमेरिका, यूरोप या चीन की गति से नहीं होगा।" Ocean का प्राइस अमेरिका में लगभग 37,500 डॉलर का है लेकिन इसे भारत में इम्पोर्ट करने पर लॉजिस्टिक्स की कॉस्ट के साथ ही 100 प्रतिशत का इम्पोर्ट टैक्स भी लगेगा। इससे इसका प्राइस अधिकतर बायर्स की पहुंच से दूर हो जाएगा क्योंकि देश में मीडियम प्राइस सेगमेंट की कारों की अधिक बिक्री होती है।
केंद्र सरकार 2030 तक कारों की कुल सेल्स में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी बढ़ाकर 30 प्रतिशत करना चाहती है। हालांकि, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और बैटरी की अधिक कॉस्ट इस सेगमेंट में बिक्री बढ़ाने में बड़ी रुकावटें हैं। सरकार देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की और उनके पार्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग के लिए कंपनियों को लाखों डॉलर के इंसेंटिव की भी पेशकश कर रही है।
ग्लोबल इलेक्ट्रिक कार मेकर Tesla ने अपनी कारों के लिए इम्पोर्ट टैक्स में छूट नहीं मिलने के कारण भारत में बिजनेस शुरू करने की अपनी योजना टाल दी है। टेस्ला पहले कारों का इम्पोर्ट कर मार्केट का रिस्पॉन्स देखने और इसके बाद देश में मैन्युफैक्चरिंग करने का फैसला लेना चाहती थी। Fisker का मानना है कि भारत में व्हीकल्स का इम्पोर्ट करना बहुत महंगा है। यह Ocean के साथ अपने ब्रांड को मजबूत करना चाहती है। हालांकि, इसका प्राइस अधिक होने के कारण इसकी बिक्री सीमित संख्या में होने की संभावना है। पिछले कुछ महीनों में देश में इलेक्ट्रिक कारों की
बिक्री बढ़ी है। अगस्त में इस सेगमेंट में सेल्स के लिहाज से टाटा मोटर्स पहले स्थान पर रही। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक कारों में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश की है लेकिन इसे अधिक सफलता नहीं मिली है। अगस्त में इस सेगमेंट की कुल सेल्स 3,237 यूनिट्स की रही। यह पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 224 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी है।
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