बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) Tesla के फाउंडर, Elon Musk का नाम नोबेल शांति पुरस्कार के लिए सामने आया है। नॉर्वे के सांसद Marius Nilsen ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर मस्क के मजबूत समर्थन का हवाला देते हुए इस पुरस्कार के लिए उनका नाम आगे बढ़ाया है।
एक मीडिया
रिपोर्ट के अनुसार, Nilsen ने मस्क के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी टेस्ला और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X जैसी कंपनियों ने दुनिया को कनेक्ट करने और सुरक्षित बनाने में मदद की है। हालांकि, नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन सूची का खुलासा नहीं हुआ है। इस पुरस्कार के लिए मस्क का नाम सामने आने से उनके वैश्विक मामलों पर प्रभाव का संकेत मिल रहा है।
हाल ही में Musk ने कहा था कि अगर चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियों पर ट्रेड से जुड़ी बंदिशें नहीं लगाई गई तो वे ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों के लिए खतरा बन सकती हैं।
टेस्ला को चीन की BYD से कड़ी टक्कर मिल रही है। मशहूर इनवेस्टर Warren Buffett की फंडिंग वाली BYD अपनी कम प्राइस वाली इलेक्ट्रिक कारों के दम पर पिछले तिमाही में टेस्ला को पीछे छोड़कर सबसे अधिक EV बेचने वाली कंपनी बन गई थी। टेस्ला ने पिछले वर्ष अपनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज में कटौती की थी लेकिन इसके बावजूद वह बिक्री में BYD से पीछे रह गई। इसके अलावा टेस्ला के मार्जिन पर भी बड़ा असर पड़ा है। मस्क ने बताया कि चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियां कड़ी टक्कर दे रही हैं और अगर इन पर टैरिफ नहीं लगाए गए तो ये चीन के बाहर बड़ी सफलता हासिल कर सकती हैं।
चाइनीज ऑटोमोबाइल कंपनियों का मुकाबला करने के लिए टेस्ला एक कम प्राइस वाली कॉम्पैक्ट क्रॉसओवर बनाने की तैयारी कर रही है। मस्क ने बताया था कि इसकी मैन्युफैक्चरिंग अगले वर्ष की दूसरी छमाही में अमेरिका में कंपनी की टेक्सास की फैक्टरी में शुरू हो सकती है। टेस्ला की भारत में भी अपना बिजनेस शुरू करने की योजना है। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु जैसे कुछ अन्य राज्य भी कंपनी को फैक्टरी लगाने के लिए निमंत्रण दे रहे हैं। टेस्ला की इलेक्ट्रिक कारों की देश में बिक्री नहीं होती। इसका बड़ा कारण अधिक इम्पोर्ट ड्यूटी है। हालांकि, मस्क का मानना है कि देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए काफी संभावना है।