देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी TCS ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की तीसरी तिमाही के लिए अपने अधिकतर वर्कर्स को 100 प्रतिशत वेरिएबल पे देने का फैसला किया है। कंपनी के कुल वर्कर्स में से कम से कम 70 प्रतिशत को पूरी वेरिएबल पे मिलेगी। इनमें जूनियर लेवल के सभी वर्कर्स शामिल हैं।
कंपनी के सीनियर वर्कर्स को बिजनेस यूनिट के परफॉर्मेंस के आधार पर वेरिएबल पे दी जाएगी और यह 100 प्रतिशत या इससे अधिक हो सकती है। TCS ने दूसरी तिमाही के लिए भी 100 प्रतिशत वेरिएबल पे का भुगतान किया था। कंपनी के CHRO, Milind Lakkad की ओर से स्टाफ को भेजी ईमेल में बताया गया है कि
TCS ने C2 या इसके समान ग्रेड वाले सभी वर्कर्स को 100 प्रतिशत वेरिएबल पे देने का फैसला किया है। तीसरी तिमाही में कंपनी की
वर्कफोर्स में 2,197 वर्कर्स की कमी हुई है। दिसंबर में समाप्त तिमाही के TCS की कुल वर्कफोर्स 6,13,974 की थी।
TCS का तीसरी तिमाही में प्रॉफिट उम्मीद से कम रहा है। इकोनॉमिक स्लोडाउन के कारण बहुत से क्लाइंट्स के खर्च में कमी करने से कंपनी के प्रॉफिट पर असर पडा है। IT सेक्टर में TCS तिमाही नतीजों की घोषणा करने वाली पहली बड़ी कंपनी है। इससे इस सेक्टर के लिए स्थितियों का संकेत मिल रहा है।
कंपनी ने बताया कि वह शेयरहोल्डर्स को 8 रुपये के इंटरिम डिविडेंड के अलावा 67 रुपये का स्पेशल डिविडेंड भी देगी। TCS का तीसरी तिमाही में कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट बढ़कर 10,846 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी तिमाही में लगभग 9,800 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया था। कंपनी की अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान ऑर्डर बुक 7.8 अरब डॉलर की रही। यह सितंबर तिमाही में 8.1 अरब डॉलर की थी। एनालिस्ट्स ने तीसरी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट 11,046 करोड़ रुपये रहने का अनुमान दिया था। IT सेक्टर पर अमेरिका और यूरोप में स्लोडाउन का असर पड़ा है, जहां से इसे अपने रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा मिलता है। पिछले वर्ष TCS ने विमेन एंप्लॉयमेंट के लिहाज से एक बड़ी उपलब्धि हासिल की थी। यह देश में महिलाओं को सबसे अधिक रोजगार देने वाली कंपनी बन गई थी। TCS की कुल वर्कफोर्स में लगभग 2.1 लाख या लगभग 35 प्रतिशत विमेन एंप्लॉयीज हैं।