पिछले कुछ महीनों में बहुत सी कंपनियों ने स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से स्टाफ की संख्या घटाई है। क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर कंपनी Salesforce ने बुधवार को बताया कि वह अपनी रिस्ट्रक्चरिंग की योजना के तहत वर्कफोर्स को लगभग 10 प्रतिशत घटाने के साथ ही कुछ ऑफिस भी बंद करेगी।
इससे पहले IT कंसल्टिंग फर्म Accenture ने अपने बिजनेस में
स्लोडाउन की आशंका जताई थी। कंपनी ने बताया था विशेषतौर पर रिटेल इंडस्ट्री में क्लाइंट्स बिजनेस में सुधार से जुड़े प्रोजेक्ट्स को टाल रहे हैं। सेल्सफोर्स के शेयर का प्राइस इस वर्ष लगभग आधा हो गया है। अमेरिका में स्लोडाउन की आशंका और इंटरेस्ट रेट्स के बढ़ने के कारण टेक कंपनियों के शेयर्स में काफी बिकवाली हो रही है। इसका असर इन शेयर्स के प्राइस पर भी पड़ रहा है।
बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में शामिल Amazon ने भी बड़ी संख्या में वर्कर्स की छंटनी की है। कंपनी की योजना लगभग 10,000 जॉब्स में कटौती करने की है। इनमें रिटेल और ह्युमन रिसोर्सेज डिविजंस शामिल होंगी।
टेक्नोलॉजी सेक्टर में फेसबुक और ट्विटर जैसी बहुत सी कंपनियों ने छंटनी की है। एमेजॉन के एग्जिक्यूटिवस Dave Limp ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया था कि कंपनी ने अपनी डिवाइसेज यूनिट का साइज घटाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था, "हम एक अनिश्चित मैक्रो इकोनॉमिक स्थिति का सामना कर रहे हैं। हमने पिछले कुछ महीनों में उन एरिया पर अधिक ध्यान दिया है जो हमारे कस्टमर्स और बिजनेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।" कंपनी के वर्कर्स की संख्या लगभग तीन लाख है। कंपनी ने इसे लगभग तीन प्रतिशत घटाने की योजना बनाई है।
लोकप्रिय सोशल मीडिया साइट Facebook को चलाने वाली कंपनी Meta से भी 11,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी की गई है। यह कंपनी की कुल वर्कफोर्स का लगभग 13 प्रतिशत है। पिछले वर्ष टेक कंपनियों में की गई बड़ी छंटनियों में से यह एक है। Meta को कॉस्ट बढ़ने और विज्ञापनों में कमजोरी जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। माइक्रोब्लॉगिंग ट्विटर को बिलिनेयर एलन मस्क के अक्टूबर के अंत में टेकओवर करने के बाद कंपनी से लगभग आधे स्टाफ को हटाया गया था। मस्क के इस फैसले के बाद बहुत सी कंपनियों ने ट्विटर पर विज्ञापन देना बंद कर दिया था।
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