फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़ी Paytm के फाउंडर और अन्य बोर्ड मेंबर्स को लगभग तीन वर्ष पहले लाए गए कंपनी के इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) में कथित गड़बड़ियों के लिए मार्केट्स रेगुलेटर SEBI ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में तथ्यों की गलत जानकारी देने पर जवाब मांगा गया है।
पेटीएम के फाउंडर Vijay Shekhar Sharma को इस IPO के लिए दाखिल किए गए दस्तावेजों में कंपनी का एक एंप्लॉयी बताया गया था, जबकि उन्हें बड़े शेयरहोल्डर के वर्ग में रखा जाना चाहिए था जो कंपनी के फैसले को प्रभावित कर सकते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,
SEBI ने कंपनी के तत्कालीन डायरेक्टर्स से इसे लेकर प्रश्न किए हैं। स्टॉक एक्सचेंज के डेटा के अनुसार, शर्मा को एक बड़े शेयरहोल्डर के बजाय एक पब्लिक शेयरहोल्डर बताया गया था। इन दस्तावेजों में बताया गया था कि पेटीएम के बड़े शेयरहोल्डर्स के वर्ग में कोई इनवेस्टर्स नहीं हैं। इस बारे में पेटीएम ने कहा है, "इस मामले को लेकर SEBI के साथ कंपनी नियमित संपर्क में है।" इसके साथ ही कंपनी ने बताया है कि इस नोटिस के बारे में तिमाही नतीजों की फाइलिंग में जानकारी दी गई थी।
SEBI का आरोप है कि शर्मा को दिए गए 2.1 करोड़ एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शंस (ESOPs) शेयर-बेस्ड एंप्लॉयी बेनेफिट्स देने के उसके रूल्स का उल्लंघन है। इन रूल्स के तहत, कंपनी के फैसलों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले बड़े शेयरहोल्डर्स के पास ESOPs नहीं हो सकते। इस बारे में टिप्पणी के लिए भेजे गए Reuters के निवेदन का SEBI ने उत्तर नहीं दिया।
इस वर्ष की शुरुआत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने
पेटीएम की बैंकिंग यूनिट पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड (PPBL) को बंद करने का ऑर्डर दिया था। इससे कंपनी को बड़ा झटका लगा था। इसके बाद पेटीएम के शेयर में बड़ी गिरावट हुई थी। पिछले फाइनेंशियल ईयर की चौथी तिमाही में Paytm को चलाने वाली One 97 Communications के रेवेन्यू में लिस्टिंग के बाद से पहली बार 2.6 प्रतिशत की गिरावट हुई थी। कंपनी का रेवेन्यू लगभग 22.7 अरब डॉलर का रहा था। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) ने मार्च में PPBL पर पांच करोड़ रुपये से अधिक की पेनल्टी लगाई थी। इसका कारण PPBL के एकाउंट्स के जरिए भेजी गई गैर कानूनी रकम की रिपोर्ट देने में हुए उल्लंघन थे।
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