बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में शामिल Infosys को मिले 32,403 करोड़ रुपये गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) से जुड़े प्री-शो कॉज नोटिस से राहत मिल गई है। डायरेक्टर जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस (DGGI) ने वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के लिए कंपनी को दिए इस नोटिस पर कार्यवाही बंद कर दी है।
इंफोसिस ने स्टॉक एक्सचेंज को एक फाइलिंग में बताया है कि DGGI से जानकारी मिलने के बाद यह मामला समाप्त हो गया है। कंपनी ने कहा है, "पिछले वर्ष जुलाई और अगस्त में हमारे कम्युनिकेशन के संदर्भ में, हम यह सूचना दे रहे हैं कि कंपनी को DGGI से वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 के लिए प्री-शो कॉज नोटिस बंद करने की जानकारी मिली है।" कंपनी ने कहा है कि उसे रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए IGST का भुगतान नहीं करने के मुद्दे पर DGGI से प्री-शो कॉज नोटिस मिला था और इंफोसिस ने इस नोटिस का उत्तर दिया था।
कंपनी ने बताया, "इस अवधि के लिए प्री-शो कॉज नोटिस के अनुसार, GST की रकम 32,403 करोड़ रुपये की थी। कंपनी को पिछले वर्ष अगस्त में DGGI से वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्री-शो कॉज नोटिस की कार्यवाही बंद करने की जानकारी मिली थी। DGGI की ओर से मिले 6 जून के कम्युनिकेशन के साथ, यह मामला समाप्त हो गया है।"
पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इंफोसिस का प्रॉफिट वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 11.75 प्रतिशत घटा है। मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कंपनी के रेवेन्यू में ग्रोथ के अनुमान से भी इस सेक्टर में
कॉम्पिटिशन बढ़ने का संकेत मिल रहा है। इंफोसिस ने रेवेन्यू में तीन प्रतिशत तक की ग्रोथ का अनुमान दिया है। हालांकि,
कंपनी के मार्जिन गाइडेंस का अनुमान 20-22 प्रतिशत पर बरकरार है। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इंफोसिस ने लगभग 7,033 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में यह लगभग 11.75 प्रतिशत की गिरावट है। कंपनी का चौथी तिमाही में रेवेन्यू वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 7.92 प्रतिशत बढ़कर 40,925 करोड़ रुपये का रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 37,923 करोड़ रुपये का था। कंपनी ने बताया था कि Mitsubishi Heavy Industries (MHI) ने इंफोसिस की अगुवाई वाले ज्वाइंट वेंचर HIPUS में इनवेस्टमेंट किया है। इससे कंपनी की जापान में मौजूदगी बढ़ी है।