कुछ वर्ष पहले लगाए गए बैन के बावजूद ई-सिगरेट बेचने के कारण हेल्थ मिनिस्ट्री ने 15 वेबसाइट्स को नोटिस भेजा है। इन वेबसाइट्स को ई-सिगरेट का एडवर्टाइजमेंट और बिक्री बंद करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा छह और वेबसाइट्स को भी जल्द नोटिस भेजा जा सकता है। मिनिस्ट्री की ओर से सोशल मीडिया पर इससे जुड़े एडवर्टाइजमेंट और बिक्री की कड़ी निगरानी की जा रही है।
इस बारे में आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 15 वेबसाइट्स को 'टेकडाउन नोटिस' दिया गया है, चार ने कामकाज बंद कर दिया है और बाकी ने उत्तर नहीं दिया है। एक सूत्र ने
कहा, "अगर ये वेबसाइट्स उत्तर नहीं देती और कानून का पालन नहीं करती तो हेल्थ मिनिस्ट्री इन वेबसाइट्स को हटाने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को पत्र लिखेगी। इन वेबसाइट्स के खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही की जाएगी।" केंद्र सरकार ने चार वर्ष पहले ई-सिगरेट के प्रोडक्शन, इम्पोर्ट, एक्सपोर्ट, ट्रांसपोर्ट, बिक्री, डिस्ट्रीब्यूशन, स्टोरेज और डिस्ट्रीब्यूशन पर बैन लगाने वाला एक्ट लागू किया था।
हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से इन वेबसाइट्स को भेजे गए नोटिस में कहा गया है, "हमने आपके प्लेटफॉर्म पर गैर कानूनी ई-सिगरेट का ऑनलाइन एडवर्टाइजमेंट और बिक्री को देखा है, जो कानून के तहत प्रतिबंधित है। आपको प्रमाण को किसी तरीके से नुकसान पहुंचाए बिना इसे हटाने का निर्देश दिया जाता है।" नोटिस में चेतावनी दी गई है कि इस निर्देश का पालन नहीं करने पर वेबसाइट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
मिनिस्ट्री ने फरवरी में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर ई-सिगरेट पर बैन को प्रभावी तरीके से लागू करने को सुनिश्चित करने के लिए कहा था। इसके साथ ही यह आशंका जताई थी कि ई-सिगरेट ऑनलाइन और स्थानीय वेंडर्स के पास उपलब्ध हैं। इस बारे में केंद्रीय हेल्थ सचिव Rajesh Bhushan ने चीफ सेक्रेटरीज को लिखे पत्र में कहा था कि ई-सिगरेट को स्टेशनरी स्टोर्स और शैक्षिक संस्थानों के निकट बेचे जाने के मामलों की रिपोर्ट मिली है। इससे यह प्रोडक्ट बच्चों को आसानी से उपलब्ध हो रहा है। इसके बाद मई में एक अन्य सार्वजनिक नोटिस के जरिए मिनिस्ट्री ने इस पर बैन लगाने वाले कानून के सख्ती से पालन के लिए कहा था। इसके अलावा ई-सिगरेट के मैन्युफैक्चरर्स, इम्पोर्टर्स, एक्सपोर्टर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, एडवर्टाइजर्स, ट्रांसपोर्टर्स, सोशल मीडिया वेबसाइट्स और ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट्स को इसे लेकर चेतावनी दी थी।