पिछले कुछ महीनों से मुश्किलों से घिरी एजुटेक कंपनी Byju's के बही खातों की कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने जांच का आदेश दिया है। Byju's ने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स जमा करने में देरी की है और कंपनी के साथ कॉरपोरेट गवर्नेंस से जुड़े मुद्दे भी हैं। कंपनीज लॉ को लागू करने वाली इस मिनिस्ट्री की ओर से Byju's ब्रांड को चलाने वाली बेंगलुरु की Think & Learn की जांच की जाएगी।
कंपनी ने अपनी फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को फाइनल नहीं किया है और इसके ऑडिटर ने इस्तीफा दे दिया है। इस महीने की शुरुआत में
मिनिस्ट्री ने हैदराबाद में रीजनल डायरेक्टर के ऑफिस को
कंपनी की जांच का निर्देश दिया था। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला किया जाएगा। इस बारे में Byju's को भेजे गए प्रश्न का उत्तर नहीं मिला। Think & Learn की शुरुआत लगभग 12 वर्ष पहले हुई थी। इसकी अंतिम एनुअल जनरल मीटिंग पिछले वर्ष सितंबर में की गई थी। इसे बहुत से मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें कॉरपोरेट गवर्नेंस के तरीकों को लेकर आशंकाएं शामिल हैं।
ऑडिट फर्म Deloitte Haskins & Sells ने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में देरी का हवाला देते हुए कंपनी के ऑडिटर के तौर पर इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा कंपनी के बोर्ड मेंबर्स में से तीन ने भी इस्तीफा दिया है। इससे Byju's के लिए समस्याएं बढ़ने का संकेत मिल रहा है। कंपनी के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने पिछले महीने बताया था कि Byju's ने अपने इनवेस्टर्स को फाइनेंशियल ईयर 2022 तक ऑडिट सितंबर तक और फाइनेंशियल ईयर 2023 तक दिसंबर तक कराने का वादा किया है। हाल ही में Byju's के CEO, Byju Raveendran ने अपनी पिछली गल्तियों को माना था और शेयरहोल्डर्स को आश्वासन दिया था कि आगे गड़बड़ी नहीं होगी।
इससे पहले इस कंपनी पर गलत तरीकों से लर्निंग पैकेज बेचने का भी आरोप लगा था। बहुत से अभिभावकों ने शिकायत की थी कि Byju's की ओर से गलत जानकारी देकर स्टूडेंट्स के लिए लर्निंग पैकेज बेचे जाते हैं और बाद में कंपनी इनका रिफंड देने से भी मना कर देती है। हालांकि, इसे लेकर कंपनी के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई थी।