बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में शामिल Tesla की चीन के शंघाई में मौजूद गीगाफैक्टरी में प्रत्येक 40 सेकेंड में एक इलेक्ट्रिक कार बनाई जाती है। इससे इस फैक्टरी में बड़े स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग होने का संकेत मिल रहा है। यह एशिया के साथ ही नॉर्थ अमेरिका और यूरोपियन देशों के मार्केट्स के लिए टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग हब है।
टेस्ला ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर इस फैक्टरी में मैन्युफैक्चरिंग का प्रोसेस दिखाया है। यह अमेरिका के बाहर
कंपनी की पहली गीगाफैक्टरी है। इस वीडियो में कंपनी का एक एंप्लॉयी यह बता रहा है कि मैन्युफैक्चरिंग की एफिशिएंसी को बढ़ाने के लिए कैसे दर्जनों रोबोटिक आर्म्स एक स्टेशन पर कार्य करती हैं। इस फैक्टरी में कंपनी के सबसे लोकप्रिय मॉडल्स में शामिल मॉडल 3 और मॉडल Y की मैन्युफैक्चरिंग की जाती है। ये कंपनी की सबसे अफोर्डेबल इलेक्ट्रिक कारें भी हैं। टेस्ला के CEO, Elon Musk ने पिछले कुछ तिमाहियों में मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने पर जोर दिया है। इस फैक्टरी में प्रत्येक 40 सेकेंड में एक इलेक्ट्रिक कार की मैन्युफैक्चरिंग इसी स्ट्रैटेजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कंपनी ने भारत में फैक्टरी लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक इनवेस्टमेंट प्रपोजल पर बातचीत शुरू कर दी है। टेस्ला की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की होगी। कंपनी की भारत में बनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज 20 लाख रुपये से शुरू हो सकते हैं। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि कंपनी ने भारत को एक्सपोर्ट के लिए बेस बनाने योजना बनाई है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मस्क की अमेरिका में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मोदी ने मस्क को भारत में इनवेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
इसके बाद मस्क ने कहा था कि वह जितना जल्द हो सके भारत में इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना था, "दुनिया में किसी बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। मुझे विश्वास है कि टेस्ला जितना जल्द हो सके भारत में आएगी।" मस्क ने अगले वर्ष भारत की यात्रा करने का भी संकेत दिया था। टेस्ला की इस वर्ष के अंत तक फुली ऑटोनॉमस व्हीकल्स को लॉन्च करने की भी तैयारी है। पिछले कुछ वर्षों से कंपनी इसे टेक्नोलॉजी को डिवेलप कर रही है।