अमेरिकी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) Tesla की जल्द देश में एंट्री हो सकती है। केंद्र सरकार के साथ कंपनी के एग्रीमेंट के लिए बातचीत अंतिम दौर में है। इसके तहत टेस्ला अगले वर्ष से देश में अपनी इलेक्ट्रिक कारों का इम्पोर्ट कर सकती है। इसके बाद टेस्ला एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी।
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार,
टेस्ला के प्लांट के लिए गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। अगले वर्ष की शुरुआत में होने वाले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट में कंपनी की देश के मार्केट में एंट्री को लेकर स्थिति स्पष्ट हो सकती है। हालांकि, टेस्ला ने अपने प्लांट के लिए लोकेशन को तय नहीं किया है। इन तीनों राज्यों में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और एक्सपोर्ट के लिए इकोसिस्टम मौजूद है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी शुरुआत में दो अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट कर सकती है। इसके साथ ही देश से कंपोनेंट्स की खरीदारी को भी बढ़ाया जाएगा। कंपनी की इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की कॉस्ट को घटाने के लिए देश में बैटरी बनाने की भी योजना है।
पिछले कुछ वर्षों में EV की बिक्री तेजी से बढ़ी है। पिछले वर्ष टेस्ला ने अपनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए इम्पोर्ट टैक्स को घटाने की मांग की थी। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट किया था कि इस टैक्स को घटाने पर विचार नहीं किया जा रहा है। टेस्ला को सरकार ने देश में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने और
EV की मैन्युफैक्चरिंग करने के लिए कहा है। हाल ही में Financial Times की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर इम्पोर्ट टैरिफ को घटाने पर विचार कर रही है। अगर ऐसा होता है तो दूनिया के सबसे अमीर व्यक्ति Elon Musk की इस कंपनी को देश में जल्द बिजनेस शुरू करने का प्रोत्साहन मिल सकता है।
इस रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि टेस्ला ने सरकार से शुरुआत में इम्पोर्ट टैरिफ में छूट का निवेदन किया है जिससे कंपनी कम्प्लीटली बिल्ट यूनिट (CBU) कारों के इम्पोर्ट पर 70 प्रतिशत की कस्टम्स ड्यूटी के बोझ को कुछ घटा सके। कंपनी ने लगभग दो वर्ष पहले बेंगलुरु में अपनी सब्सिडियरी को रजिस्टर्ड कराया था। हालांकि, सरकार के इस तरह के किसी फैसले से टेस्ला के अलावा ऐसी सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को मदद मिल सकती है जो देश में EV का इम्पोर्ट करती हैं।