ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों में शामिल Suzuki Motor ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) की मैन्युफैक्चरिंग करने की योजना बनाई है। कंपनी की योजना देश को इसके लिए एक्सपोर्ट हब बनाने की है। देश में बने EV का कंपनी जापान और यूरोप को अपने ब्रांड के तहत एक्सपोर्ट कर सकती है।
Nikkei की रिपोर्ट के अनुसार,
सुजुकी मोटर की योजना एशिया में बिक्री के लिए जापान की एक अन्य ऑटोमोबाइल कंपनी Toyota को EV की सप्लाई करने की भी है। अगर यह योजना सफल होती है तो इन EV को टोयोटा के ब्रांड के तहत बेचा जाएगा। भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए अपने पहले प्रोडक्शन हब के तौर पर चुनने के पीछे देश के मार्केट में बड़ी संभावना और कम मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट जैसे बड़े कारण हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है, "सुजुकी ने गुजरात में EV के लिए एक नई प्रोडक्शन लाइन तैयार करने की योजना बनाई है। इस यूनिट में देश में सुजुकी की पार्टनर मारूति सुजुकी अगले वर्ष मैन्युफैक्चरिंग शुरू करेगी।"
अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार मेकर
Tesla ने भी भारत में फैक्टरी लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक इनवेस्टमेंट प्रपोजल पर बातचीत शुरू की है। कंपनी की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की होगी। टेस्ला की भारत में बनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज 20 लाख रुपये से शुरू हो सकते हैं।
बिलिनेयर Elon Musk की अगुवाई वाली इस कंपनी की योजना भारत को एक्सपोर्ट के लिए बेस बनाने की भी है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मस्क की अमेरिका में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मोदी ने मस्क को भारत में इनवेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसके बाद मस्क ने कहा था कि वह जितना जल्द हो सके भारत में इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना था, "दुनिया में किसी बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। मुझे विश्वास है कि टेस्ला जितना जल्द हो सके भारत में आएगी।" मस्क ने अगले वर्ष भारत की यात्रा करने का भी संकेत दिया था। टेस्ला की इस वर्ष के अंत तक फुली ऑटोनॉमस व्हीकल्स को लॉन्च करने की तैयारी है। इससे पहले मस्क फुली ऑटोनॉमस सेल्फ-ड्राइविंग व्हीकल्स लाने की समयसीमा को पूरा करने में नाकाम रहे थे।