इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में लगाने वाली बैटरी के साथ ही मोबाइल और लैपटॉप बनाने में इस्तेमाल होने वाले Lithium का राजस्थान में बड़ा रिजर्व मिला है। कुछ महीने पहले देश का पहला लिथियम रिजर्व जम्मू और कश्मीर में मिला था। ऐसा बताया जा रहा है राजस्थान में नागौर के देगाना में मिला लिथियम रिजर्व इससे कहीं अधिक है।
सरकारी अधिकारियों का दावा है कि इन रिजर्व में मौजूद
लिथियम देश की जरूरत का 80 प्रतिशत पूरा कर सकता है। इससे लिथियम के लिए भारत की चीन पर निर्भरता कम हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि राजस्थान में मिले इस रिजर्व से लिथियम की सप्लाई में चीन का दबदबा समाप्त हो सकता है। लिथियम के लिए भारत पूरी तरह विदेश से मिलने वाली सप्लाई पर निर्भर है। राजस्थान में देगाना की उसी रेनवत पहाड़ी में लिथियम का रिजर्व मिला है जहां से कभी Tungsten मिनरल की सप्लाई की जाती थी। ब्रिटिश शासन के दौरान देगाना में रेनवत की पहाड़ी में टंगस्टन पाया गया था।
इस वर्ष की शुरुआत में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) की ओर से किए गए एक्सप्लोरेशन में जम्मू और कश्मीर के रियासी जिले में लिथियम का रिजर्व मिला था। भारत में लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे बहुत से मिनरल्स का इम्पोर्ट किया जाता है। देश में मोबाइल फोन से लेकर सोलर पैनल तक में इस्तेमाल होने वाले महत्वपूर्ण मिनरल्स की जरूरत बढ़ रही है। देश को इन मिनरल्स को खोज और इन्हें प्रोसेस करने की जरूरत है।
नमक से लेकर ऑटोमोबाइल तक का बिजनेस करने वाले Tata Group ने भारत और यूरोप में
EV के लिए बैटरी सेल प्लांट्स लगाने की योजना बनाई है। हाल ही में टाटा ग्रुप की ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, P B Balaji ने कहा था कि इलेक्ट्रिक कारों में लोकल कंपोनेंट्स की हिस्सेदारी बढ़ाने में EV की बैटरी के लिए सेल मैन्युफैक्चरिंग को लोकलाइज करना महत्वपूर्ण है। इससे कंपनी को लोकल सप्लाई चेन तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया था कि टाटा मोटर्स बैटरी सेल मैन्युफैक्चरिंग के लिए भारत के अलावा यूरोप में प्लांट लगाने पर विचार कर रही है। इससे यूरोप में फैक्टरी रखने वाली कंपनी की प्रीमियम कार यूनिट Jaguar Land Rover की बैटरी सेल की जरूरत भी पूरी हो सकेगी।