पिछले सप्ताह अमेरिका में चुनाव के परिणाम में Donald Trump ने जीत हासिल की थी। ट्रंप की अगुवाई में नई सरकार अगले वर्ष की शुरुआत में कार्यभार संभालेगी। इसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) मेकर Tesla के चीफ, Elon Musk को भी महत्वपूर्ण भूमिका मिलने जा रही है। ट्रंप ने मस्क और भारतीय मूल के Vivek Ramaswamy को डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी की जिम्मेदारी संभालने को कहा है।
अमेरिकी सरकार में यह एक नया डिपार्टमेंट होगा। इस डिपार्टमेंट शुरुआत में प्रस्ताव मस्क ने दिया था। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि नया डिपार्टमेंट ब्यूरोक्रेसी की अड़चनों को घटाएगा। इस डिपार्टमेंट को 'DOGE' भी कहा जा रहा है। यह मस्क के पसंदीदा मीन कॉइन का भी नाम है। ट्रंप ने बताया कि इस डिपार्टमेंट का टारगेट
ब्यूरोक्रेसी को घटाना, अथिरिक्त रेगुलेशंस में कमी करना, गैर जरूरी खर्च में कटौती और फेडरल एजेंसियों की रिस्ट्रक्चरिंग करना होगा।
हालांकि, इस डिपार्टमेंट में मस्क की भूमिका हितों के टकराव का मुद्दा भी बन सकती है। मस्क की टेस्ला और स्पेस मिशंस से जुड़ी SpaceX ने सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स और पॉलिसीज से अरबों डॉलर हासिल किए हैं। ट्रंप की जीत के बाद मस्क की वेल्थ 12 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ गई है। इस वेल्थ में टेस्ला में उनकी हिस्सेदारी का बड़ा योगदान है।
ट्रंप के चुनाव प्रचार में मस्क ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ट्रंप को डोनेशन देने वालों में भी उनका प्रमुख स्थान था। इस जीत के बाद टेस्ला के शेयर प्राइस में भी उछाल आया है। इनवेस्टर्स को उम्मीद है कि ट्रंप का चुनाव में समर्थन करने वाले मस्क को इस जीत से फायदा मिलेगा। नई सरकार के EVs के लिए सब्सिडी घटाने से टेस्ला के कॉम्पिटिटर्स को बड़ा नुकसान हो सकता है। इसके अलावा ट्रंप की योजना चीन से होने वाले इम्पोर्ट पर टैरिफ को बढ़ाने की भी है। इससे अमेरिका में चाइनीज EV मेकर्स की बिक्री पर बड़ा असर पड़ सकता है। अमेरिका में EVs के मार्केट में
टेस्ला का 48 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी के साथ पहला स्थान है। मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में कंपनी की सेल्स और प्रॉफिट दोनों में कमी हुई थी। इसे चीन की BYD जैसी EV कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। हालांकि, तीसरी तिमाही में कंपनी का प्रॉफिट लगभग 17.3 प्रतिशत बढ़ा है।