बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनियों में शामिल BYD की भारत में एक अरब डॉलर के इनवेस्टमेंट से फैक्टरी लगाने की योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी है। BYD ने Megha Engineering and Infrastructure के साथ पार्टनरशिप में फैक्टरी लगाने का प्रपोजल दिया था।
Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में
BYD ने देश में इलेक्ट्रिक कारें और बैटरी बनाने की
योजना से जुड़ा प्रपोजल दिया था। इस पर डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स और डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने अन्य डिपार्टमेंट्स से राय मांगी थी। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि चीन के इनवेस्टमेंट को लेकर सुरक्षा से जुड़ी आशंकाएं उठाई गई थी। इस वजह से BYD के प्रपोजल को मंजूरी नहीं मिली है। एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि देश के मौजूदा रूल्स चाइनीज कंपनियों के इस प्रकार के इनवेस्टमेंट्स की अनुमति नहीं देते।
BYD और हैदराबाद की फर्म Megha Engineering and Infrastructures ने एक ज्वाइंट वेंचर बनाने के लिए देश के रेगुलेटर्स को प्रपोजल दिया था। इनकी योजना भारत में BYD के ब्रांड वाली इलेक्ट्रिक कारों से लेकर लग्जरी मॉडल्स तक बनाने की थी। इससे पहले BYD की राइवल Tesla ने भारत में फैक्टरी लगाने के लिए केंद्र सरकार के साथ एक इनवेस्टमेंट प्रपोजल पर बातचीत शुरू की थी। कंपनी की फैक्टरी की वार्षिक कैपेसिटी लगभग पांच लाख यूनिट्स की होगी। टेस्ला की देश में बनी इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज 20 लाख रुपये से शुरू हो सकते हैं।
बिलिनेयर Elon Musk की अगुवाई वाली इस कंपनी की योजना भारत को एक्सपोर्ट के लिए बेस बनाने की भी है। पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मस्क की अमेरिका में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में मोदी ने मस्क को भारत में इनवेस्टमेंट करने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसके बाद मस्क ने कहा था कि वह जितना जल्द हो सके भारत में इनवेस्टमेंट करने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना था, "दुनिया में किसी बड़े देश की तुलना में भारत में अधिक संभावनाएं हैं। मुझे विश्वास है कि टेस्ला जितना जल्द हो सके भारत में आएगी।" मस्क ने अगले वर्ष भारत की यात्रा करने का भी संकेत दिया था। टेस्ला की इस वर्ष फुली ऑटोनॉमस व्हीकल्स को लॉन्च करने की तैयारी है।