दुनियाभर के देश क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर असमंजस में हैं। कई देश इसे रेगुलेट करने के बारे में सोच रहे हैं, तो कुछ देशों का रुख एकदम साफ है। ये देश क्रिप्टोकरेंसी को भविष्य के तौर पर देख रहे हैं और उसे अपनाने के लिए कदम उठा रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात (UAE) क्रिप्टो कंपनियों को लुभाने के लिए इस तिमाही के अंत तक वर्चुअल असेट्स सर्विस प्रोवाइडर के लिए फेडरल लाइसेंस जारी करने की तैयारी कर रहा है। ब्लूमबर्ग ने एक सरकारी अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी है।
अधिकारी ने
बताया कि सिक्योरिटीज एंड कमोडिटीज अथॉरिटी (SCA) VASP को देश में दुकानों में स्थापित करने की इजाजत देने के लिए एक फ्रेमवर्क स्थापित करने के अंतिम चरण में है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर के दृष्टिकोणों पर विचार करने के बाद संयुक्त अरब अमीरात इस मामले में एक हाइब्रिड दृष्टिकोण अपनाएगा। इसके अनुसार, SCA और देश के सेंट्रल बैंक की जिम्मेदारी रेगुलेशन की होगी। वहीं, रीजनल फाइनेंशियल सेंटर्स लाइसेंस से जुड़े रोजाना के काम को निपटाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टो माइनिंग के लिए अनुकूल माहौल बनाना चाहती है।
UAE की सरकार ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि वह दुबई स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में क्रिप्टो सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए एक अनुकूल रेगुलेटेड जोन बनाएगी। इसके अगले ही दिन दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस (Binance) ने ट्रेड सेंटर के साथ एक समझौते पर दस्तखत किए।
गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात में क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के हित में कानून लाए जा रहे हैं। इन्वेस्टर्स को टारगेट करने वाले क्रिप्टो स्कैमर के लिए कड़ी सजा की गारंटी दी गई है। नए नियम 2 जनवरी 2022 से लागू हो गए हैं। क्रिप्टो से जुड़ी धोखाधड़ी करने पर पांच साल तक की जेल और 1 मिलियन AED (लगभग 2 करोड़ रुपये) तक का जुर्माना लगाया जाएगा। UAE के राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान ने पिछले महीने कानूनी सुधारों की एक सीरीज की घोषणा की थी। ये कानून फाइनेंशियल धोखाधड़ी के खतरों को कम करने के मकसद से लाए जा रहे हैं।
नए नियमों के तहत किसी भी प्रोडक्ट के बारे में भ्रामक विज्ञापन या गलत डेटा को ऑनलाइन पोस्ट करने पर कानूनी नतीजे भुगतने होंगे। ऐसी ही सजा देश में गैर-मान्यता प्राप्त क्रिप्टोकरेंसी को बढ़ावा देने वाले लोगों पर भी लागू होती है।
नए नियमों को लागू करने की बड़ी वजह यह भी है कि दुनियाभर में क्रिप्टो से जुड़ी धोखाधड़ी बढ़ रही है। साल 2020 में पूरी दुनिया में कुल लगभग 0.52 बिलियन डॉलर (लगभग 79,194 करोड़ रुपये) के क्रिप्टो क्राइम हुए थे।