पिछले कुछ दिनों में क्रिप्टो मार्केट में भारी बिकवाली के बीच स्टेबलकॉइन TerraUSD का प्राइस भी काफी घट गया है। इसके को-फाउंडर ने इस गिरावट को थामने के लिए रिजर्व का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। पिछले सप्ताह तक TerraUSD का मार्केट कैपिटलाइजेशन 18.5 अरब डॉलर से अधिक का था। इसके बाद से यह आधे से भी अधिक घट गया है और लगभग 8.6 अरब डॉलर पर है।
स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है।
अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन कहे जाने वाले TerraUSD ने मंगलवार को डॉलर के साथ अपने 1:1 के जुड़ाव को तोड़ दिया। प्राइस वेबसाइट Coingecko के अनुसार, बुधवार को यह 0.30 डॉलर तक गिर गया था। हालांकि, बाद में यह बढ़कर लगभग 0.60 डॉलर तक पहुंच गया। Luna में बुधवार को 94 प्रतिशत से अधिक टूटा था और 0.85 डॉलर तक गिर गया था। बाद में यह यह बढ़कर 1.20 डॉलर तक पहुंचा था।
Kwon ने ट्वीट्स कर बताया कि T
erraUSD को दोबारा मजबूत करने के लिए बाहरी फंडिंग हासिल करने की कोशिश की जाएगी। इसका मतलब है कि यह एक एल्गोरिद्म पर निर्भर करने के बजाय रिजर्व को आधार बनाएगा। Kwon ने इस स्टेबलकॉइन के इनवेस्टर्स को भी आश्वस्त करने की कोशिश की। उनका कहना था, "शॉर्ट टर्म में गिरावट से यह तय नहीं होता कि आप कहां पहुंच सकते हैं।" हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने TerraUSD का प्राइस टूटने को एक झटका भी बताया।
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