ग्लोबल क्रिप्टो रूल्स तैयार कर रही G20 की संस्था  

स्टेबलकॉइन्स को लेकर FSB का मानना है कि इनका इस्तेमाल पेमेंट के एक जरिए के तौर पर करने के लिए इनसे जुड़े कड़े रेगुलेशन की जरूरत है

ग्लोबल क्रिप्टो रूल्स तैयार कर रही G20 की संस्था  

FSB में G20 देशों के रेगुलेटर्स और सेंट्रल बैंकों के अधिकारी शामिल हैं

ख़ास बातें
  • FSB को क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी तक सीमित रखा गया था
  • इसके पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है
  • कई देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस बनाने की मांग उठी है
विज्ञापन
क्रिप्टो सेगमेंट के लिए ग्लोबल रूल्स के मौजूद नहीं होने से क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े स्कैम के मामले बढ़ रहे हैं। इस स्थिति से निपटने के लिए G20 की संस्था फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB) ने अगले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए कड़े ग्लोबल रूल्स का प्रपोजल देने की तैयारी की है।

Reuters की रिपोर्ट के अनुसार,  FSB में  G20 देशों के रेगुलेटर्स और सेंट्रल बैंकों के अधिकारी शामिल हैं। FSB को क्रिप्टो सेगमेंट की निगरानी तक सीमित रखा गया था लेकिन पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरेंसीज में वोलैटिलिटी अधिक होने और स्कैम्स के मामले बढ़ने से कड़े रूल्स की जरूरत है। FSB की ओर से जारी एक स्टेटमेंट में बताया गया है कि वह G20 के फाइनेंस मिनिस्टर्स और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स को स्टेबलकॉइन्स और अन्य क्रिप्टो एसेट्स के रेगुलेटरी कंट्रोल और निगरानी के बारे में रिपोर्ट देगा। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के प्राइस ने पिछले वर्ष नवंबर में लगभग 69,000 डॉलर का हाई छुआ था। इसके बाद से बिटकॉइन में भारी गिरावट आई है और इसका प्राइस लगभग 20,400 डॉलर पर आ गया है।  

स्टेबलकॉइन्स को लेकर FSB का मानना है कि इनका इस्तेमाल पेमेंट के एक जरिए के तौर पर करने के लिए इनसे जुड़े कड़े रेगुलेशन की जरूरत है। FSB के पास कानून बनाने की शक्ति नहीं है लेकिन इसके सदस्य अपने अधिकार क्षेत्रों में इसके रेगुलेटरी सिद्धांतों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

लगभग दो महीने पहले स्टेबलकॉइन Terra UST में आई भारी गिरावट के बाद कई देशों में क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर रेगुलेशंस बनाने की मांग उठी है। इसी कड़ी में दक्षिण कोरिया के फाइनेंशियल रेगुलेटर Financial Supervisory Service (FSS) ने भी वर्चुअल एसेट्स की निगरानी कड़ी करने और इनसे जुड़े रिस्क का एनालिसिस करने का फैसला किया था। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं। ये ऐसी डिजिटल ट्रांजैक्शंस के लिए अधिक इस्तेमाल होते हैं जिनमें वर्चुअल एसेट्स को वास्तविक एसेट्स में कन्वर्ट करना शामिल होता है। USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। 

भारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo X200 FE, Vivo X Fold 5 की लॉन्च डेट लीक, इन धांसू फीचर्स के साथ 10 जुलाई को होंगे लॉन्च!
  2. Xiaomi ने 3K रिजॉल्यूशन, 5MP डुअल लेंस वाला आउटडोर कैमरा किया लॉन्च, जानें कीमत
  3. Infinix Smart 10 फोन में होगा Unisoc T7250 चिपसेट, 5000mAh बैटरी, 15W चार्जिंग
  4. Honor Watch Fit Vitality Edition लॉन्च हुई AMOLED डिस्प्ले, 5 ATM वाटर रसिस्टेंस के साथ, जानें कीमत
  5. भारत में सैमसंग के एग्जिक्यूटिव्स ने लगाई 692 करोड़ रुपये की पेनल्टी हटाने की गुहार
  6. Lenovo ने 8GB रैम, 11 इंच 2.5K डिस्प्ले वाले टैबलेट किए लॉन्च, जानें डिटेल
  7. Realme GT 7, GT 7T की भारत में सेल शुरू, 7000mAh बैटरी से लैस, Rs 6 हजार तक सस्ते में खरीदने का मौका!
  8. Honor Tablet 10 लॉन्च हुआ 12GB रैम, 10100mAh बैटरी, 66W फास्ट चार्जिंग के साथ, जानें कीमत
  9. Vivo ने 33W फास्ट चार्जिंग, 10,000mAh बैटरी वाला पावरबैंक किया लॉन्च, जानें कीमत
  10. Honda ने लॉन्च की इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल EV O, 170 किलोमीटर तक रेंज
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »