क्रिप्टोकरेंसीज को बड़ा खतरा मानता है RBI

RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में लगभग चार वर्ष पहले सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी

क्रिप्टोकरेंसीज को बड़ा खतरा मानता है RBI

क्रिप्टोकरेंसीज पर केंद्र सरकार एक कंसल्टेशन पेपर तैयार कर रही है

ख़ास बातें
  • क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर RBI पहले भी आशंकाएं जता चुका है
  • इस सेगमेंट की बहुत सी फर्मों की स्थिति कमजोर हो रही है
  • केंद्र सरकार ने क्रिप्टो सेगमेंट पर प्रतिबंध लगाने से मना कर दिया था
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पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में गिरावट है और इससे इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने क्रिप्टोकरेंसीज को एक 'स्पष्ट खतरा' करार देते हुए कहा कि किसी चीज की वैल्यू अगर किसी एसेट के आधार के बिना केवल विश्वास पर बनी है तो वह केवल एक अच्छे नाम के साथ सट्टेबाजी है। क्रिप्टोकरेंसीज पर केंद्र सरकार एक कंसल्टेशन पेपर तैयार कर रही है। इसके लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स और इंस्टीट्यूशंस से इनपुट लिए गए हैं।

क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर RBI पहले भी आशंकाएं जता चुका है। RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (FSR) में कहा है कि फाइनेंशियल सिस्टम के अधिक डिजिटलाइज्ड होने के साथ सायबर रिस्क भी बढ़ रहे हैं और इस पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उनका कहना था, "क्रिप्टोकरेंसीज एक स्पष्ट खतरा है। किसी भी चीज की वैल्यू अगर किसी एसेट के आधार के बिना केवल विश्वास पर होती है तो वह सट्टेबाजी है।" क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट से इस सेगमेंट की बहुत सी फर्मों की वित्तीय स्थिति कमजोर हो गई है और उन्हें अपनी कॉस्ट घटाने के लिए छंटनी जैसे उपाय करने पड़ रहे हैं। 

RBI ने क्रिप्टोकरेंसीज के बारे में लगभग चार वर्ष पहले सर्कुलर जारी कर उसके रेगुलेशंस के तहत आने वाली एंटिटीज पर ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में डील करने को लेकर रोक लगाई थी। हालांकि, लगभग दो वर्ष पहले सुप्रीम कोर्ट ने RBI के इस सर्कुलर को खारिज कर दिया था। देश में क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर रेगुलेटरी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसीज पर तैयार किए जा रहे कंसल्टेशन पेपर के लिए वर्ल्ड बैंक और इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) से भी इनपुट लिए जा रहे हैं। FSR में दास ने यह भी कहा है कि टेक्नोलॉजी से फाइनेंशियल सेक्टर की पहुंच बढ़ी है और इसका पूरा फायदा उठाना चाहिए लेकिन इसके साथ ही इससे फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के कमजोर होने के रिस्क पर भी ध्यान देने की जरूरत है। 

इकोनॉमी को लेकर दास का कहना था कि वैश्विक घटनाक्रमों और भू-राजनीतिक तनावों का इस पर असर पड़ रहा है। देश का फाइनेंशियल सिस्टम इन झटकों का सामना करने के लिए मजबूत है। दास ने कहा, "हमारी कोशिश बाहरी और आंतरिक सभी चुनौतियों का सामना ताकत और इनोवेटिव सॉल्यूशंस के साथ करने की है।" इस स्थिति की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि देश के फाइनेंशियल सिस्टम की मजबूती से इकोनॉमी अच्छी रहेगी और इसके लिए अवसर बढ़ेंगे। यह गुड गवर्नेंस और बेहतर रिस्क मैनेजमेंट को दिखा रहा है। 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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