NFT की चोरी को रोकने के लिए OpenSea ने किया पॉलिसी में बदलाव

पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट में हैकिंग के मामले बढ़े हैं। इनसे इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों के साथ ही इनवेस्टर्स को भी बड़ा नुकसान हुआ है।

NFT की चोरी को रोकने के लिए OpenSea ने किया पॉलिसी में बदलाव

फर्म ने चोरी हुए आइटम्स की रिकवरी के बाद उनकी दोबारा बिक्री और खरीदारी को आसान बनाया है

ख़ास बातें
  • ये बदलाव NFT कम्युनिटी से मिले फीडबैक के आधार पर किए गए हैं
  • आइटम की रिकवरी होने पर दोबारा बिक्री को आसान बनाया जा रहा है
  • NFT के कुछ मामलों में यूजर्स का विश्‍वास कमजोर हुआ है
विज्ञापन
पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टो सेगमेंट में हैकिंग के मामले बढ़े हैं। इनसे इस सेगमेंट से जुड़ी फर्मों के साथ ही इनवेस्टर्स को भी बड़ा नुकसान हुआ है। नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) के मार्केटप्लेस OpenSea ने यूजर्स को डिजिटल कलेक्टिबल्स की चोरी से बचाने के लिए अपनी पॉलिसी में बदलाव किया है। OpenSea ने चोरी के सभी मामलों में पुलिस अधिकारियों की मदद लेने का फैसला किया है। 

इसके साथ ही फर्म ने चोरी हुए आइटम्स की रिकवरी के बाद उनकी दोबारा बिक्री और खरीदारी को आसान बनाया है। ये बदलाव NFT कम्युनिटी से मिले फीडबैक के आधार पर किए गए हैं। OpenSea ने ट्विटर पर एक पोस्ट में कहा, "चोरी हुए आइटम की रिपोर्ट देने वाले यूजर्स के लिए उस आइटम की रिकवरी होने पर दोबारा बिक्री या खरीदारी को हम आसान बना रहे हैं।" फर्म ने यह स्वीकार किया है कि चोरी हुए NFT के कुछ मामलों में उनके अगले बायर्स या होल्डर्स के लिए कानूनी मुश्किलें होने के कारण फर्म पर यूजर्स का विश्वास कमजोर हुआ है। 

OpenSea ने बताया, "अमेरिकी कानून के तहत कोई आइटम चोरी होने की जानकारी होने पर उसे बेचना या ट्रांसफर करना गलत है। अपने प्लेटफॉर्म पर चोरी हुए आइटम्स की बिक्री की अनुमति देकर हम चोरी को बढ़ावा नहीं देना चाहते। कुछ मामलों में बिना जानकारी के ऐसे आइटम्स खरीदने वालों पर जुर्माना लगा है। हमारे लिए यह एक बड़ी समस्या है। हम इससे निपटने के लिए यूजर्स के फीडबैक पर ध्यान दे रहे हैं।"
 

NFT में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यूनीक आइटम्स के टोकन्स को ऑथेंटिकेट किया जाता है जो दोबारा प्रोड्यूस किए जा सकने वाले डिजिटल एसेट्स से जुड़े होते हैं। इनमें आर्ट, म्यूजिक, इन-गेम आइटम्स और वीडियो शामिल हो सकते हैं। इनकी ऑनलाइन ट्रेडिंग की जा सकती है लेकिन इन्हें डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता। इस सेगमेंट में कारोबार बढ़ने के साथ ही स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है। अमेरिका में इस सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के कुछ बड़े मामलों का खुलासा हुआ है। इनमें कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन मामलों से इस सेगमेंट में ट्रेडिंग को लेकर आशंका बढ़ी है। रेगुलेटर्स ने भी हैकिंग के मामले बढ़ने के कारण इस सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने पर जोर दिया है।

Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

संबंधित ख़बरें

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Poco M7 Plus 5G के नए RAM वेरिएंट की भारत में 22 सितंबर से होगी बिक्री
  2. Wifi कवरेज की टेंशन खत्म, घर के कोने-कोने में हाई-स्पीड इंटरनेट, वो भी 99 रुपये में!
  3. iPhone Air vs Samsung Galaxy S25 Edge vs Xiaomi 15 Ultra: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  4. 15 हजार जॉब्स कट करने के बाद Microsoft ने एंप्लॉयीज को कहा, 1 हफ्ते में 3 दिन आएं ऑफिस!
  5. गाजा में हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले वर्कर्स को बाहर करेगी Microsoft
  6. Vivo X300 सीरीज अगले महीने हो सकती है लॉन्च, Pro मॉडल में होगा 6.78 इंच डिस्प्ले
  7. Samsung के Galaxy Tab S10 Lite की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  8. 50 मेगापिक्सल कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ Sony Xperia 10 VII लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
  9. Moto Pad 60 Neo भारत में हुआ लॉन्च, 7,040mAh की बैटरी, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  10. India vs Pakistan Asia Cup देखना है फोन पर तो इतना आएगा खर्च, Sony LIV के प्लान्स के बारे में जानें
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »