अमेरिका के दूसरे सबसे बड़े राज्य Texas में Bitcoin की माइनिंग में तेजी आ रही है। इससे Texas में इलेक्ट्रिसिटी की डिमांड लगातार बढ़ रही है। इस राज्य की ग्रिड ऑपरेटर इलेक्ट्रिक रिलायबिलिटी काउंसिल ऑफ टेक्सस (ERCOT) को एनर्जी लोड दो वर्षों में पांच गुणा बढ़ने का
अनुमान है। ERCOT ने कहा है कि उसे क्रिप्टो माइनिंग और डेटा सेंटर्स की खपत के कारण इलेक्ट्रिसिटी जेनरेशन में 5,000 MW की बढ़ोतरी करनी होगी। टेक्सस में पहले ही क्रिप्टो इंडस्ट्री 1,000 MW तक इलेक्ट्रिसिटी की खपत कर रही है।
चीन में क्रिप्टो से जुड़ी सभी एक्टिविटीज पर रोक लगाने के बाद टेक्सस Bitcoin माइनिंग के एक हब के तौर पर उभरा है। चीन के क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगाने का एक बड़ा कारण इसमें होने वाली इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत था। टेक्सस में क्रिप्टो की माइनिंग करने वालों को 10 वर्ष तक टैक्स में छूट और सेल्स टैक्स क्रेडिट जैसे इंसेंटिव दिए जा रहे हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टो माइंस में से दो टेक्सस में बन रही हैं। हालांकि, टेक्सस के निवासी इससे खुश नहीं हैं। उनका कहना है कि टेक्सस में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हो रही है और इसकी वजह
Bitcoin माइनिंग है। इस वर्ष फरवरी में टेक्सस के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड को इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में कमी के चलते कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था।
इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में कमी से लोगों को सर्दी के मौसम में बहुत परेशानी हुई थी। बहुत सी इंडस्ट्रीज को भी इस कारण से बंद करना पड़ा था। हालांकि, ERCOT ने तब कहा था कि मौसम खराब होने से इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में रुकावट आई है।
टेक्सस के निवासी पहले से भारी लोड का सामना कर रहे पावर ग्रिड सिस्टम पर और लोड पड़ने से चिंतित हैं। एक रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रिप्टोकरंसी माइनिंग हार्डवेयर लगातार काम कर रहा है और इससे एनर्जी की खपत बढ़ी है।
क्रिप्टो माइनिंग से पॉल्यूशन का खतरा भी है। जनवरी 2016 से जून 2018 के बीच चार बड़ी क्रिप्टोकरंसीज के माइनिंग एक्टिविटीज से लगभग 1.3 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड इमिशन होने का अनुमान है।
हाल के महीनों में क्रिप्टो की माइनिंग से होने वाले पॉल्यूशन को कम करने के लिए ग्रीन एनर्जी रिसोर्सेज का इस्तेमाल करने की कोशिशें शुरू हुई है। उदाहरण के लिए, Bitcoin को कानूनी दर्जा देने वाले दुनिया के पहले देश El Salvador ने Bitcoin माइनिंग के लिए ज्वालामुखी से निकलने वाली जियोथर्मल एनर्जी का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।