मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में मंगलवार को इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर लगभग 3.5 प्रतिशत का प्रॉफिट था। हालांकि, भारतीय एक्सचेंजों पर इसमें तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट थी। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर बिटकॉइन का प्राइस लगभग 60,973 डॉलर का था। भारतीय एक्सचेंजों पर यह 54,322 डॉलर से 64,417 डॉलर की रेंज में था।
Gadgets360 के क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर पर
Ether में 0.69 प्रतिशत का नुकसान था। इसका प्राइस लगभग 2,463 डॉलर पर था। इंटरनेशनल एक्सचेंजों पर Ether के प्राइस में तेजी थी। यह 1.20 प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 2,664 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। Avalanche, Tether, Binance Coin, USD Coin, Ripple, Cardano और Tron के प्राइस बढ़े हैं। नुकसान वाली क्रिप्टोकरेंसीज में Polkadot, Bitcoin Cash, Litecoin, Near Protocol, Chainlink और Polygon शामिल थे। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन दो प्रतिशत से अधिक बढ़कर लगभग 2.66 लाख करोड़ डॉलर पर था।
क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने Gadgets360 को बताया, "तेजड़िए अपनी ताकत दिखा रहे हैं और इस मार्केट में बिटकॉइन की हिस्सेदारी 56 प्रतिशत हो गई है। चीन में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसीज से बैन हटने के संकेत की वजह से ऐसा हुआ है। इसके अलावा जापानी येन की तुलना में अमेरिकी डॉलर में कुछ मजबूती से भी मार्केट में उत्साह है।"
मौजूदा वर्ष की पहली छमाही में इंटरनेशनल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कैपिटलाइजेशन लगभग 44 प्रतिशत बढ़कर 720 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस वर्ष की शुरुआत में बिटकॉइन ETFs के लॉन्च से इस सेगमेंट की ग्रोथ तेजी से बढ़ी है। क्रिप्टो एक्सचेंज Binance की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष जनवरी से जून के बीच
बिटकॉइन ने ग्रोथ दर्ज की है। इसके पीछे बिटकॉइन ETF की शुरुआत होना और इसके नेटवर्क की चौथी हाविंग प्रमुख कारण हैं। दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Ether की वैल्यू भी तेजी से बढ़ी है। अमेरिका में बिटकॉइन ETFs में लगभग 17 अरब डॉलर का इनवेस्टमेंट किया गया है। इन ETFs में प्रति दिन की औसत ट्रेडिंग लगभग 2.3 अरब डॉलर की है। इस वर्ष बिटकॉइन ने लगभग तीन वर्षों के बाद अपना नया हाई लेवल बनाया था। इसका प्राइस मार्च में 73,737 डॉलर से अधिक पर पहुंचा था। हालांकि, पिछले कुछ महीनों से इसमें गिरावट हुई है।