मशहूर इनवेस्टर Jim Rogers का कहना है कि किसी दिन सभी क्रिप्टोकरेंसीज गायब हो सकती हैं। रॉजर्स ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी में वह लंबी-अवधि में कोई वैल्यू नहीं देखते और Bitcoin का प्राइस शून्य हो सकता है। हाल ही में बिटकॉइन ने नया हाई लेवल बनाया था। इसके बावजूद क्रिप्टो मार्केट को लेकर रॉजर्स की आशंका बरकरार है।
उन्होंने कहा, "क्रिप्टो को लेकर मैं बहुत आशंकित हूं। ये कुछ लोगों के लिए अभी बहुत अच्छा हो सकता है लेकिन मेरे लिए नहीं है। मैं क्रिप्टोकरेंसी में लंबी-अवधि में कोई वैल्यू नहीं देखता। मुझे ऐसी वास्तविक चीजों पर विश्वास है जिनका लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। इनमें चावल और चीनी हो सकते हैं। मुझे पता है कि चावल की हमेशा वैल्यू होगी। मुझे यह नहीं पता कि बिटकॉइन कि हमेशा वैल्यू रहेगी।" रॉजर्स ने बिलिनेयर George Soros के साथ मिलकर Quantum Fund फंड की शुरुआत की थी।
बिटकॉइन की गोल्ड और सिल्वर जैसे सुरक्षित माने जाने वाले एसेट्स का विकल्प बनने की क्षमता पर भी रॉजर्स को संदेह है। उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि गोल्ड और सिल्वर की जगह बिटकॉइन ले सकेगा। दुनिया में अधिकतर लोग गोल्ड और सिल्वर की समझ रखते हैं लेकिन अधिकतर को बिटकॉइन की समझ नहीं है।" रॉजर्स ने बताया कि उनके पास बिटकॉइन या कोई अन्य क्रिप्टोकरेंसी नहीं है। भारत में भी
क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर केंद्र सरकार का सख्त रवैया बरकरार है। देश में इस सेगमेंट के लिए रूल्स बनाए जा रहे हैं। हाल ही में वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने कहा था कि देश में क्रिप्टोकरेंसीज को 'करेंसी' के तौर पर माना या देखा नहीं जाता।
क्रिप्टो मार्केट में आई तेजी के बाद इस सेक्टर को लेकर सरकार के रवैये में बदलाव के प्रश्न पर, सीतारमण ने कहा था, "सरकार का हमेशा यह मानना रहा है कि क्रिप्टो को लेकर बनाए गए एसेट्स को ट्रेडिंग और कई अन्य चीजों के लिए एसेट्स के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। हमने इन्हें रेगुलेट नहीं किया है। ये करेंसीज नहीं हो सकते और यह केंद्र सरकार की पोजिशन है।" अमेरिका में
बिटकॉइन स्पॉट ETF को सिक्योरिटीज रेगुलेटर की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद क्रिप्टो मार्केट में काफी तेजी आई है। इन ETF में फंडिंग लगातार बढ़ रही है। इस सप्ताह बिटकॉइन का प्राइस भी 73,700 डॉलर से अधिक पर गया था जो इसका हाई प्राइस है।