मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेसी Bitcoin का प्राइस सोमवार को 1.15 प्रतिशत की तेजी के साथ 27,204 डॉलर पर था। इसकी वैल्यू में वीकेंड पर 427 डॉलर की बढ़ोतरी हुई है। पिछले सप्ताह कुछ मैक्रो इकोनॉमिक संकेतों और सितंबर के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स के डेटा की वजह से इसमें नुकसान हुआ था।
दूसरी सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी Ether का प्राइस 0.40 प्रतिशत बढ़कर 1,562 डॉलर पर था। इसके प्राइस में वीकेंड पर 22 डॉलर की तेजी आई है। इसके अलावा Avalanche, Binance Coin, Solana, Cardano, Tron, Polkadot, Litecoin, Chainlink, Stellar और Cosmos के प्राइस भी बढ़े हैं। क्रिप्टो मार्केट का वैल्यूएशन 0.75 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 1.06 लाख करोड़ डॉलर पर था।
CoinSwitch Ventures के इनवेस्टमेंट्स लीड, Parth Chaturvedi ने Gadgets 360 को बताया, "वैश्विक तनाव बढ़ने और मैक्रो इकोनॉमिक संकेतों के कारण बिटकॉइन को लेकर इनवेस्टर सेंटीमेंट मजबूत होता दिख रहा है। बिटकॉइन का प्राइस 27,000 डॉलर के निकट जितनी अधिक अवधि तक रहेगा, तेजी के अगले दौर की संभावना भी उतनी अधिक होगी।" क्रिप्टो फर्म Mudrex के CEO, Edul Patel ने कहा, "क्रिप्टो मार्केट से जुड़े लोगों को बिटकॉइन स्पॉट ETF के आवेदनों को SEC से स्वीकृति मिलने का इंतजार है। इस वजह से बिटकॉइन को लेकर सकारात्मक रवैया है।"
हाल ही में बैंकरप्ट क्रिप्टो एक्सचेंज FTX अपने 3.4 अरब डॉलर से अधिक के क्रिप्टो एसेट्स बेचने की कोर्ट से अनुमति मिली थी। इससे मार्केट में बिकवाली का दबाव बढ़ सकता है। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि मौजूदा प्राइसेज में पहले ही इसके असर को शामिल किया गया है। FTX के पास Solana में बड़ी होल्डिंग है लेकिन इनमें से अधिकतर स्टेक्ड है और बेचने के लिए उपलब्ध नहीं है।
बिटकॉइन ने पिछले वर्ष लगभग 68,000 डॉलर का हाई लेवल छुआ था। इसके बाद से इसके प्राइस में भारी गिरावट हुई है। इससे इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कुछ क्रिप्टो फर्मों के दिवालिया होने से भी क्रिप्टो मार्केट में गिरावट आई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में क्रिप्टो सेगमेंट के लिए रूल्स बनाने पर जोर दिया था। उनका कहना था कि टेक्नोलॉजी के डिवेलपमेंट के साथ रफ्तार बनाए रखने की जरूरत है। इससे पहले फाइनेंस मिनिस्ट्री और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी क्रिप्टो के लिए रूल्स को महत्वपूर्ण बताया था।