मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin के प्राइस में शुक्रवार को 0.83 प्रतिशत की तेजी थी। यह लगभग 30,440 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। बिटकॉइन की वैल्यू एक दिन में लगभग 300 डॉलर बढ़ी है। अमेरिका में GDP के प्रदर्शन में सुधार और बेरोजगारी के क्लेम घटने से क्रिप्टो मार्केट में तेजी आई है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी
Ether के प्राइस में 0.84 प्रतिशत की बढ़त हुई और यह लगभग 1,850 डॉलर पर था। Tether, USD Coin, Ripple और Binance USD जैसे स्टेबलकॉइन्स में भी तेजी थी। हालांकि, Braintrust, Cosmos और Circuits of Value जैसी कुछ क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइस में गिरावट थी। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन 2.27 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.19 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंच गया।
क्रिप्टो मार्केट के बारे में CoinSwitch Ventures के इनवेस्टमेंट्स लीड, Parth Chaturvedi ने Gadgets 360 को बताया, "मार्केट कैपिटलाइजेशन के अनुसार टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसीज में प्रॉफिट है। हालांकि, मार्केट में इनफ्लेशन की आशंका और फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी करने के अनुमान को लेकर कुछ चिंता है। ब्रिटेन में रेगुलेटर्स को क्रिप्टो और स्टेबलकॉइन्स की निगरानी करने की शक्ति देने वाला एक बिल किंग चार्ल्स से स्वीकृति मिलने के बाद कानून बन गया है।" क्रिप्टो इनवेस्टमेंट फर्म Mudrex के CEO, Edul Patel ने कहा, "मार्केट सेंटीमेंट पर MicroStrategy के 37.4 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त बिटकॉइन खरीदने की रिपोर्ट का भी असर पड़ा है। बिटकॉइन के सामने 30,750 डॉलर का रेजिस्टेंस लेवल है।"
हाल ही में BlackRock ने बिटकॉइन ETF के लिए फाइलिंग की है और Deutsche Bank ने क्रिप्टो कस्टडी सर्विसेज देने के लिए लाइसेंस मांगा है। इससे भी क्रिप्टो मार्केट में पॉजिटिव ट्रेंड बना है।
बिटकॉइन ने पिछले वर्ष लगभग 68,000 डॉलर का हाई लेवल छुआ था। इसके बाद से इसके प्राइस में भारी गिरावट हुई है। इससे इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। कुछ क्रिप्टो फर्मों के दिवालिया होने से भी इस मार्केट को झटका लगा था। इससे इस सेगमेंट से जुड़ी कई फर्मों की स्थिति बहुत कमजोर हुई है। बहुत से देशों में क्रिप्टोकरेंसीज के लिए रेगुलेशंस बनाए जा रहे हैं। इससे क्रिप्टो मार्केट पर इनवेस्टर्स का विश्वास बढ़ सकता है। बिटकॉइन में तेजी जारी रहने पर इस सेगमेंट में इनवेस्टर्स की संख्या बढ़ सकती है।