अमेरिका में प्रेसिडेंट के चुनाव में Donald Trump की जीत के बाद से क्रिप्टो मार्केट में तेजी है। मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin का प्राइस भी काफी बढ़ा है। बिटकॉइन ने सोमवार को 1,06,488 डॉलर का नया हाई लेवल बनाया है। हालांकि, इसके बाद इसके प्राइस में कुछ गिरावट हुई है।
बिटकॉइन का प्राइस इस रिपोर्ट को लिखे जाने पर इंटरनेशनल क्रिप्टो एक्सचेंज Binance पर लगभग तीन प्रतिशत बढ़कर 1,04,700 डॉलर से अधिक पर था। क्रिप्टो मार्केट में
बिटकॉइन की हिस्सेदारी बढ़कर लगभग 56 प्रतिशत की हो गई है। अमेरिका में ट्रंप ने स्ट्रैटेजिक ऑयल रिजर्व के साथ ही बिटकॉइन का रिजर्व बनाने की योजना की जानकारी दी है। इससे इस सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस में तेजी आई है। क्रिप्टो मार्केट का कैपिटलाइजेशन भी इस वर्ष लगभग दोगुना बढ़कर लगभग 3.8 अरब डॉलर हो गया है।
अगले वर्ष की शुरुआत में अमेरिका में नई सरकार कार्यभार संभालेगी। ट्रंप ने
क्रिप्टो के पक्ष में पॉलिसी बनाने का संकेत दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान भी ट्रंप ने क्रिप्टो को लेकर सख्त रेगुलेशन नहीं बनाने की बात कही थी। पिछले सप्ताह ट्रंप ने NYSE में ट्रेडर्स को बताया था कि वह चाहते हैं कि अन्य देशों से पहले अमेरिका में क्रिप्टो को बढ़ावा दिया जाए। ट्रंप ने कहा, "क्रिप्टो के साथ हम कुछ बड़ा करने जा रहे हैं। हम नहीं चाहते कि चीन या कोई अन्य देश इसके लिए सिस्टम बनाए। हम इसकी अगुवाई करना चाहते हैं।"
इस सेगमेंट में इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स की दिलचस्पी भी बढ़ रही है। पिछले कुछ सप्ताह में सॉफ्टवेयर कंपनी Microstrategy ने अपनी बिटकॉइन की होल्डिंग को बढ़ाया है। इस कंपनी ने हाल ही में अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) को एक फाइलिंग में बताया था कि उसने 2 से 8 दिसंबर के बीच लगभग 21,550 बिटकॉइन लगभग 2.1 अरब डॉलर में खरीदे हैं। इसके लिए प्रति बिटकॉइन 98,783 डॉलर का औसत प्राइस चुकाया गया है। कंपनी ने इस खरीदारी के लिए दो अरब डॉलर से ज्यादा के शेयर्स की बिक्री की है। कंपनी के पास कुल 4,23,650 बिटकॉइन हैं। इसके लिए कंपनी की प्रति बिटकॉइन औसत कॉस्ट लगभग 60,324 डॉलर है। हालांकि, एक अन्य बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने बिटकॉइन में इनवेस्टमेंट नहीं करने का फैसला किया है।