मार्केट वैल्यू के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin में तेजी जारी है। इसने 61,000 डॉलर का लेवल पार कर लिया है। पिछले एक दिन में इसमें 8.30 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। इसका प्राइस लगभग 61,746 डॉलर पर था। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि बिटकॉइन में उछाल का बड़ा कारण अमेरिका में स्पॉट बिटकॉइन ETF की ट्रेडिंग वॉल्यूम में हो रही बढ़ोतरी है।
क्रिप्टो मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले
Ether में 5.42 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। यह 3,424 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था। इसके अलावा Avalanche, Binance Coin, Solana, Chainlink, Polkadot, Wrapped Bitcoin और Litecoin में प्रॉफिट था। पिछले एक दिन में क्रिप्टो का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 6.90 प्रतिशत बढ़कर लगभग 2.3 लाख करोड़ डॉलर पर था। क्रिप्टो ऐप CoinSwitch के मार्केट्स डेस्क ने बताया, "बिटकॉइन में पहले रकम लगाने वाले भारतीय इनवेस्टर्स प्रॉफिट में हैं। मार्केट में लालच बढ़ गया है। बिटकॉइन का लगभग 69,000 डॉलर का हाई लेवल इसके लिए अगला बड़ा रेजिस्टेंस हो सकता है।"
कुछ बड़े देशों के नेताओं के साथ ही इनवेस्टर्स से भी क्रिप्टो मार्केट को बढ़ावा मिल रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती हुई टेक्नोलॉजीज से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग की जरूरत बताई थी। पिछले महीने अमेरिका में सिक्योरिटीज रेगुलेटर SEC की ओर से बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को स्वीकृति दी गई थी। देश में क्रिप्टो सेगमेंट पर टैक्स अधिक होने से ग्रोथ पर असर पड़ रहा है।
इस महीने की शुरुआत में पेश हुए बजट से पहले क्रिप्टो इंडस्ट्री ने केंद्र सरकार से इस सेगमेंट पर टैक्स घटाने के निवेदन किए थे। हालांकि, इंटरिम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर Nirmala Sitharaman ने
क्रिप्टोकरेंसीज का जिक्र नहीं किया था। इससे इस इंडस्ट्री से जुड़े स्टेकहोल्डर्स को निराशा हुई थी। केंद्र सरकार ने लगभग डेढ़ वर्ष पहले प्रत्येक क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत का TDS लगाया था। इसके साथ ही क्रिप्टो से मिलने वाले प्रॉफिट पर भी 30 प्रतिशत का टैक्स लागू किया गया था। इससे क्रिप्टो की ट्रेडिंग एक्टिविटीज घटी हैं। कुछ देशों में रेगुलेटर्स ने भी इस सेगमेंट को लेकर चेतावनी दी है। पिछले कुछ वर्षों में क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े स्कैम के मामले भी बढ़े हैं।